बीते साल आधी आबादी के समतुल्य किया था पौधारोपण
जमुई। जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत के प्रथम वर्ष यानी कि बीते साल जिले में लगभग 10 लाख अर्थात आधी आबादी के समतुल्य पौधारोपण किया गया।
जमुई। जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत के प्रथम वर्ष यानी कि बीते साल जिले में लगभग 10 लाख अर्थात आधी आबादी के समतुल्य पौधारोपण किया गया। पौधारोपण के मामले में वन विभाग तो लक्ष्य के करीब रहा, लेकिन पौधे की अनुपलब्धता मनरेगा के लक्ष्य की प्राप्ति में बाधक बनी और 153000 लक्ष्य के विरुद्ध महज 36,000 पौधे ही रोपित किए जा सके।
बहरहाल इस वर्ष उस कमी को दूर कर लेने के लिए मनरेगा की ओर से वन विभाग से सामंजस्य स्थापित किया गया है, जहां से उसे सवा लाख पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। रकवा की बात करें तो वन विभाग की ओर से सर्वाधिक 355 हेक्टेयर वन भूमि तथा 72 किलोमीटर लंबी सड़कें और नहर केनालों के किनारे कुल 920650 पौधे लगाए गए। इसके अलावा मनरेगा के तहत सरकारी भूमि यथा आहर, पईन, ग्रामीण सड़कों आदि के किनारे 36,000 पौधे रोपित किए गए।
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उपयोगी प्रजाति पर रहा विशेष जोर
जिले में वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान पौधारोपण में उसकी उपयोगिता का विशेष ख्याल रखा गया। जगह के अनुसार पौधों का चयन किया गया। सड़क किनारे जहां कदम, नीम, जामुन, कटहल, अर्जुन, सागवान, महोगनी, शीशम, इमली, पीपल, बरगद आदि को प्राथमिकता दी गई। वहीं वन क्षेत्र में बकैन, कदम, कटहल, अर्जुन, सागवान, महोगनी, शीशम, आम, महुआ, इमली, बेल, आंवला, बरगद, पीपल और बांस के पौधे को विशेष तवज्जो दी गई।
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आंकड़ा एक नजर में (2019-20)
विभाग लक्ष्य रोपित पौधे
वन एवं पर्यावरण- 10 लाख - 9,20650 मनरेगा 1.53 लाख - 36000 शिक्षा विभाग 30,000 22,000 साइकिल यात्रा विचार मंच 15000 15000
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2020-21 का लक्ष्य
वन विभाग - 11,46,200
कृषि - 2 लाख
जीविका- 152000
एसएसबी सीआरपी और रेल- 51 हजार
मनरेगा 1.80 लाख
अन्य महकमा- 30,000
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कोट
पौधारोपण में उपयोगी पौधों का विशेष ध्यान रखा गया है। साथ ही पौधे लगाने की योजना में कुछ पौधे तो मरेंगे ही। इसके लिए 20 फीसद रिप्लेसमेंट का प्रावधान है। बीते साल वन विभाग की ओर से 9,20,650 पौधे लगाए गए थे तथा तकरीबन 32000 पौधे जिला प्रशासन एवं साइकिल यात्रा विचार मंच तथा सीआरपीएफ और एसएसबी कैंप को उपलब्ध कराए गए थे।
सत्यजीत कुमार, वन प्रमंडल पदाधिकारी, जमुई।