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हॉटस्पॉट बना चितोचक गांव

जमुई। एक बार फिर प्रखंड का चितोचक गांव कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया। चार साल का एक बचा समेत चार लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। तीन दिन पहले रेफरल अस्पताल की टीम ने पूरे गांव के लोगों का कोरोना सैम्पल लिया था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 07:35 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 07:35 PM (IST)
हॉटस्पॉट बना चितोचक गांव
हॉटस्पॉट बना चितोचक गांव

जमुई। एक बार फिर प्रखंड का चितोचक गांव कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया। चार साल का एक बच्चा समेत चार लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। तीन दिन पहले रेफरल अस्पताल की टीम ने पूरे गांव के लोगों का कोरोना सैम्पल लिया था। चितोचक गांव में कोरोना मरीज मिलने से शहर के लोग सहमे हुए हैं।

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13 मई को झाझा के चितोचक गांव से ही कोरोना की शुरुआत हुई थी। बताया जाता है कि एक जुलाई को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने चितोचक गांव के 74 लोगों का कोरोना सैम्पल लिया था। उसी सैम्पल में से चार लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जिसमें एक चार साल का बच्चा भी शामिल है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार चार में से तीन लोग स्थानीय हैं, जबकि एक व्यक्ति दिल्ली से अपने घर चितोचक आया हुआ था। चारों को गिद्धौर अस्पताल में आइसोलेट कर दिया गया है। इन लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री के अलावा अन्य कितने लोगों से मिले, उसकी जानकारी जमा की जा रही है। इस मामले में रेफरल अस्पताल प्रभारी डॉ. बीके राय एवं प्रबंधक गजेन्द्र सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि एक बच्चा एवं तीन लोगों की पूरी जानकारी ली जा रही है।

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शहर के लोग सहमे

चितोचक गांव में कोरोना मरीज मिलने से शहरवासी परेशान है। गांव के अधिसंख्य लोग का रोजगार एवं अन्य समय बाजार में ही बीतता है। जिसके कारण बाजार के लोगों में कोरोना का भय व्याप्त हो गया है। हर व्यक्ति अपने आपको कोरोना से सुरक्षित करने में लग गए हैं। इसको लेकर थानाध्यक्ष सिद्धेश्वर पासवान द्वारा भी बाजार के लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरुकता अभियान चला रहे हैं, बावजूद लोग मास्क नहीं पहन रहे। थानाध्यक्ष ने सब्जी, फल दुकान के अलावा अन्य लोगों को मास्क दिया।

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पहले भी सुर्खियों में रहा है चितोचक

चितोचक गांव में 13 मई को मुंबई से आए तीन कामगार की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही प्रखंड के पदाधिकारी एवं पुलिस-प्रशासन हरकत में आ गए। तीनों कामगार को घरवालों ने बाहर बने एक पॉल्ट्री फार्म में रहने की सलाह दी थी। 9 मई को एक बोलोरो पर चार लोग मुंबई से झाझा पहुंचे थे। उस दिन से तीनों अपने आपको क्वारंटाइन किए हुए है। जिसका लाभ गांव के लोगों को मिला। तीन कोरोना मरीज ने गांव के आधा दर्जन से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया था।


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