फोरलेन पर सफर का सपना अधर में
विधु शेखर सिकंदरा (जमुई) पटना से राजगीर भाया जमुई होते हुए देवघर तक फोरलेन का निर्माण अब नहीं हो सकेगा। एनएच डिवीजन फोरलेन की जगह टू लेन विथ पेब्ड सोल्डर सड़क निर्माण कराया जाएगा। ऐसे में जमुई के लोगों के लिए फोरलेन पर सफर का सपना अब पूरा नहीं हो पाएगा। चिकनी सपाट सड़क पर बगैर ओवरटेक की 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चलाने का सपना भी अधर में रह गया।
फोटो- 05 जमुई- 18
विधु शेखर, सिकंदरा (जमुई): पटना से राजगीर भाया जमुई होते हुए देवघर तक फोरलेन का निर्माण अब नहीं हो सकेगा। एनएच डिवीजन फोरलेन की जगह टू लेन विथ पेब्ड सोल्डर सड़क निर्माण कराया जाएगा। ऐसे में जमुई के लोगों के लिए फोरलेन पर सफर का सपना अब पूरा नहीं हो पाएगा। चिकनी सपाट सड़क पर बगैर ओवरटेक की 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चलाने का सपना भी अधर में रह गया। चिकनी सड़क की बात करनी तो बेमानी होगी।
बिहार-झारखंड को जोड़ने वाली एनएच-333-ए सड़क की हालत किसी ग्रामीण सड़क से भी बदतर है। आलम यह है कि अधिकतर जगहों पर पीच भी उखड़ गया है। सड़क पर बड़े-बड़े साइज का बोल्डर और गड्ढे वाहन सवारों को हादसे को आमंत्रण दे रहे हैं। जमुई से पटना व देवघर मुख्य मार्ग के सबसे व्यस्तम एनएच-333-ए जमुई हाईवे पर रोजाना हजारों की तादाद में बड़े-छोटे वाहनों की आवाजाही रहती है। यह मार्ग झारखंड, पश्चिम बंगाल सहित पूरे बिहार को जोड़ता है। वाहनों की रेलमपेल, ट्रैफिक का भार अब यह हाईवे झेलने के काबिल नहीं बचा है। हालात यह है कि इस मार्ग पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। इससे कई के चिराग बुझ गए हैं। जमुई से राजगीर की दूरी महज 98 तो पटना की दूरी 167 किलोमीटर है। राजगीर की दो घंटे की सफर में तीन से चार घंटे लग जा रहा है तो पटना जाने में पांच घंटे लगता है। चालकों को हमेशा ब्रेक लगाना पड़ता है। बाइक से सफर कर रहे हैं तो 10 से 15 किलोमीटर के बाद ही कमर में दर्द होने लगता है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने एनएच सड़क की चौड़ीकरण का बीड़ा उठाया तो क्षेत्र के लोगों के मन में भरोसा जगा था कि अब सफर आसान होगा। सड़क का चौड़ीकरण के साथ फोरलेन का सपना जमुई के लोगों के लिए दिवा स्वप्न बनकर रह गया।
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फोरलेन की जगह अब होगी टू लेन सड़क
पिछले तीन वर्ष पूर्व एनएच डिवीजन ने फोरलेन को लेकर सर्वे कराया था। प्रस्ताव भी भेजा गया था, परंतु विभिन्न पहलुओं व अड़चनों के बीच एनएच डिवीजन व पीडब्ल्यूडी ने अपने रोड के प्रारूप को बदल दिया। फलस्वरूप, बिहार-झारखंड को जोड़ने वाली एनएच-333-ए पर टू लेन अर्थात 10 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण कराया जाएगा। जिसमें सड़क के दोनों किनारे पर दो-दो मीटर का पेव्ड सोल्डर फ्लेंक बनाया जाएगा।
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कोट
फोरलेन के लिए 45 मीटर सड़क के लिए जमीन होनी चाहिए जिसमें जमीन पर्याप्त नहीं है। ऐसे में फोरलेन की जगह टू लेन विथ पेव्ड सोल्डर सड़क निर्माण कराया जाना है। डीपीआर की प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ की जाएगी।
विजय कुमार, कार्यपालक अभियंता, एनएच डिवीजन टू, नालंदा बिहार शरीफ