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अपने ही निदेशक की बात नहीं मानता है शिक्षा विभाग

जमुई। जिले के शिक्षा विभाग में अपने ही निदेशक की बात उनका विभाग नहीं मान रहा है। मामला अप्रशिक्षित शिक्षकों के दिसंबर का वेतन भुगतान का है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 06:00 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 06:00 PM (IST)
अपने ही निदेशक की बात नहीं मानता है शिक्षा विभाग
अपने ही निदेशक की बात नहीं मानता है शिक्षा विभाग

जमुई। जिले के शिक्षा विभाग में अपने ही निदेशक की बात उनका विभाग नहीं मान रहा है। मामला अप्रशिक्षित शिक्षकों के दिसंबर का वेतन भुगतान का है। जिले के कई शिक्षकों के दिसंबर के वेतन का भुगतान सिर्फ इसलिए नहीं किया गया है कि उन्होंने एनआइओएस की वार्षिक परीक्षा में नहीं, बल्कि पूरक परीक्षा में डीएलएड की उत्तीर्णता हासिल की है। जिन्हें नियमानुसार प्रशिक्षित वेतनमान दिए जाने का निर्देश प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रंजीत कुमार सिंह ने दिया है। इसके बावजूद परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान दिए जाने के बदले उनका दिसंबर का वेतन ही बंद कर दिया गया है जो बिल्कुल गलत है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक रंजीत कुमार सिंह ने जारी पत्र में सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी तथा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना को स्पष्ट निर्देश दिया है कि अप्रशिक्षित शिक्षक जो 31 मार्च 2019 तक प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके हैं तथा डीएलएड की मुख्य परीक्षा अथवा पूरक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए है उन्हें परीक्षाफल प्रकाशन तिथि से प्रशिक्षित वेतन दिया जाना है। इस निर्देश के उलट कई शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतनमान दिए जाने के बदले दिसंबर का वेतन ही बंद कर दिया गया। जिस कारण शिक्षकों तथा शिक्षक संघ में आक्रोश व्याप्त है।

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केस स्टडी- 1

गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय गेणाडीह में पदस्थापित प्रखंड शिक्षक राजीव कुमार बर्णवाल एनआइओएस के डीएलएड की पूरक परीक्षा में उत्तीर्ण हैं। फिर भी उनके दिसंबर माह का वेतन बंद कर दिया गया है। राजीव कुमार वर्णवाल बताते हैं कि उन्हें नियमानुसार प्रशिक्षित वेतनमान मिलना चाहिए परंतु इसके उलट उनका दिसंबर माह का वेतन बंद कर दिया गया है। उन्होंने शीघ्र वेतन भुगतान करने की मांग की है।

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केस स्टडी- 2

खैरा प्रखंड अंतर्गत मांगेचपरी विद्यालय में कार्यरत शिक्षक राकेश कुमार सिंह का भी दिसंबर का वेतन बंद कर दिया गया है, जबकि वे एनआइओएस द्वारा आयोजित डीएलएड की पूरक परीक्षा में उत्तीर्ण हैं। उन्होंने बताया कि उनका दिसंबर का वेतन बंद किया जाना सीधे नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने शीघ्र वेतन चालू करने की मांग की है।

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गिद्धौर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शमशुल हौदा ने बताया कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के निर्देश पर शिक्षकों का वेतन बंद किया गया है। जिला से वेतन भुगतान करने का निर्देश प्राप्त होने पर शिक्षकों को वेतन भुगतान किया जाएगा। खैरा बीईओ ने बताया कि मांगेचपड़ी में पदस्थापित शिक्षक राकेश कुमार सिंह का मामला उनके संज्ञान में आया है। नियमानुसार काम किया जाएगा।


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