प्रशासन के प्रयास पर भी नहीं निकला ताजिया जुलूस, बंदों का नहीं दिखा करतब
जमुई। बीते साल दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई घटना के दूसरे दिन ताजिया जुलूस में मची भगदड़ से अशांत हुए शहर का जख्म अब भी पूरी तरह भरा नहीं है।
जमुई। बीते साल दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई घटना के दूसरे दिन ताजिया जुलूस में मची भगदड़ से अशांत हुए शहर का जख्म अब भी पूरी तरह भरा नहीं है। मुहर्रम के अवसर पर ताजिया जुलूस निकालने से इंकार किए जाने के बाद पुलिस प्रशासन और सामाजिक सद्भाव कायम रखने के इच्छुक लोगों का तमाम प्रयास विफल साबित हुआ। लाइसेंसधारी व मुहर्रम का त्योहार मनाने वाले लोगों की शिकायत पिछले साल जुलूस के दौरान घटित घटना को लेकर थी। अधिकांश लोगों ने एक स्वर से कहा कि बीते वर्ष कमिश्नर और डीआइजी द्वारा आश्वासन मिलने के बाद निकाले गए जुलूस के दौरान जो कुछ हुआ वह फिर से जुलूस निकालने की इजाजत नहीं देता है। कुछ लोगों की शिकायत निर्गत लाइसेंस की शर्तों व जुलूस के निर्धारित रुट को लेकर भी रहा। बहरहाल इन सबके बीच शहर के लोगों को लगातार दूसरे साल हसन-हुसैन के नारों के साथ पैकरों व बंदों का करतब देखने का अवसर नहीं मिला। इधर मुहर्रम का त्योहार शांतिपूर्ण संपन्न कराने को लेकर शहर में चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पूरी व्यवस्था की मॉनीट¨रग डीएम और एसपी स्वयं कर रहे थे। शहर में एसडीओ लखीन्द्र पासवान एवं एसडीपीओ रामपुकार ¨सह लगातार जुलूस निकालने के लिए लोगों से अपील करते रहे। डीएसपी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जुलूस के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ व अप्रिय वारदात होने के बाद उपद्रवियों को पुलिसिया कार्रवाई का सामना करना होगा।
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सामाजिक कार्यकर्ता ने भी की अपील :
इस बीच सामाजिक सद्भाव कायम रखने के हिमायती लोगों ने भी जुलूस निकालने की अपील की। साहू समाज के जिलाध्यक्ष व शहर के चिकित्सक नीरज साह, नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष अनिल कुमार साह, कन्हैया साह, अशोक साह सहित अन्य लोगों ने भी जुलूस के दौरान साथ चलने और किसी प्रकार का अप्रिय वारदात न हो इसके लिए वे लोग कुछ भी करने को तैयार हैं।
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डीएम व एसपी ने लिया जायजा :
मुहर्रम के दौरान तजिया जुलूस नहीं निकलने की खबर के बीच डीएम, एसपी ने शहर में विधि-व्यवस्था को लेकर तैनात सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने शहर के विभिन्न इलाके में घूम-घूमकर सुरक्षा के इंतजाम का अवलोकन किया।
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इन इलाकों में बने थे ताजिया :
शहर के महिसौड़ी मस्जिद, इमामबाड़ा, महाराजगंज इमामबाड़ा के अलावा थाना चौक, नीमा-भछियार आदि जगहों से निकलते रहा है। लोगों पर तजिया और सिपर बनाए भी गए थे लेकिन अंतिम क्षण में ताजिया जुलूस नहीं निकालने का निर्णय लेकर प्रशासन को सकते में डाल दिया गया।