ओमिक्रोन के असर से गणतंत्र दिवस का बाजार पड़ा फीका
संवाद सहयोगी जमुई ओमिक्रोन के व्यापक असर के कारण सभी स्कूल कालेज कोचिग और शिक्षण संस्थान बंद रहने के कारण गणतंत्र दिवस का बाजार काफी फीका नजर आ रहा है। गणतंत्र दिवस के झंडोत्तोलन के दौरान छात्र-छात्राओं निजी तथा सरकारी शिक्षकों और आम लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले झंडा स्टीकर टोपी पट्टा समेत विभिन्न सामग्रियों से पटा हुआ है लेकिन बिक्री बिल्कुल ही नदारद है।
संवाद सहयोगी, जमुई : ओमिक्रोन के व्यापक असर के कारण सभी स्कूल कालेज कोचिग और शिक्षण संस्थान बंद रहने के कारण गणतंत्र दिवस का बाजार काफी फीका नजर आ रहा है। गणतंत्र दिवस के झंडोत्तोलन के दौरान छात्र-छात्राओं, निजी तथा सरकारी शिक्षकों और आम लोगों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले झंडा, स्टीकर, टोपी, पट्टा समेत विभिन्न सामग्रियों से पटा हुआ है, लेकिन बिक्री बिल्कुल ही नदारद है।
कोरोना संक्रमण का सीधा असर बाजार पर देखा जा रहा है। लोगों की आवाजाही कम होने तथा अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने देने के कारण बाजार की रौनक बिल्कुल ही खत्म हो चुकी है। मिठाई दुकानदारों की हालत भी बिल्कुल ऐसी ही है। उनके पास भी अभी तक गणतंत्र दिवस को लेकर किसी भी प्रकार की मिठाई बनाने के अग्रिम बुकिग का आर्डर नहीं आया है। इससे तो साफ कहा जा सकता है कि गणतंत्र दिवस को लेकर बाजार की हालत बिल्कुल ही खस्ताहाल है।
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झंडा व अन्य सामग्रियों से पटा बाजार
गणतंत्र दिवस को लेकर बाजार में विभिन्न प्रकार का झंडा, बैंड, बैच, स्टीकर, पट्टा अलग-अलग दुकानों में अलग-अलग कीमत में उपलब्ध है। झंडा विक्रेता आनंद केसरी, किशोर केसरी, डब्लू कुमार ने बताया कि बाजार में कागज का छोटा झंडा पांच से 10 रुपये, खादी का झंडा 40 से 400 रुपये, तिरंगा बैंड पांच से 10 रुपये, पाकेट पांच से 10 रुपये और गाड़ी स्टीकर 10 से 25 रुपये प्रति पीस की कीमत में बिक्री के लिए उपलब्ध है। टैटू 10 से 20 रुपया, गांधी टोपी 5 से 50 रुपये, तिरंगा पट्टा 20 से 30 रुपये प्रति पीस और दोपहिया तथा चार पहिया झंडा स्टैंड 10 से 40 रुपये प्रति पीस की कीमत में बिक्री के लिए उपलब्ध है।
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मिठाई दुकानदारों की हालत भी खराब
ओमिक्रोन के असर के कारण गणतंत्र दिवस को लेकर मिठाई दुकानदारों की हालत भी बहुत खराब है। मिठाई विक्रेता शशिकांत मणि, लक्ष्मण भालोटिया, शंभु केशरी, सुनील कुमार की मानें तो अभी तक गणतंत्र दिवस को लेकर कोई भी अग्रिम आर्डर नहीं आया है। हर वर्ष इस समय गणतंत्र दिवस को लेकर विभिन्न कोचिग संस्थान, निजी तथा सरकारी स्कूल से बुनिया, सेव, जलेबी के लिए पर्याप्त मात्रा में आर्डर आ जाता था। इस बार हमारे व्यापार का हालत भी बहुत खराब है और बाजार की स्थिति भी बहुत बदतर है।