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कहने को रेल नगरी पर सुविधा नदारद

संवाद सूत्र झाझा (जमुई) कोलकाता की ओर से दानापुर डिविजन का प्रवेश द्वार यानि पहला स्टेशन झाझा रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधा सहित अन्य सुविधा का टोटा है। प्लेटफार्म की लंबाई कम है तो सफाई की व्यवस्था भी मानक के अनुरुप नहीं है। रेल नगरी की उपाधि के बावजूद यहां व्यवस्था और सुविधा का अकाल है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 06:57 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 06:57 PM (IST)
कहने को रेल नगरी पर सुविधा नदारद
कहने को रेल नगरी पर सुविधा नदारद

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अभियान की खबर

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फोटो- 18 जमुई- 1,2

-प्लेटफार्म की लंबाई कम, यात्री शेड में शेड कम

- मानक के अनुरूप सफाई की व्यवस्था नहीं

संवाद सूत्र, झाझा (जमुई): कोलकाता की ओर से दानापुर डिविजन का प्रवेश द्वार यानि पहला स्टेशन झाझा रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधा सहित अन्य सुविधा का टोटा है। प्लेटफार्म की लंबाई कम है तो सफाई की व्यवस्था भी मानक के अनुरुप नहीं है। रेल नगरी की उपाधि के बावजूद यहां व्यवस्था और सुविधा का अकाल है। आधुनिकीकरण और सुविधा विस्तार के दौर में भी यह स्टेशन दिव्यांग या रोगी को प्लेटफार्म पर पहुंचने की समस्या सहित शुद्ध पेयजल की समस्या से जूझ रहा है। सकरी और जर्जर फुट ओवर ब्रिज के सहारे ही प्लेटफार्म पर पहुंचना यात्रियों को नियति बनी है। हालांकि वर्ष 2018 में नए फुट ओवरब्रिज की नींव रखी गई थी परंतु आज तक उक्त कार्य अधर में लटका हुआ है। दूसरी ओर स्वच्छता के मानक पर भी स्टेशन पिछड़ा है। कई जगहों पर गंदगी का अंबार लगा रहता है तो कई जगहों पर झाडू तक नहीं लगती है। इसके पीछे सफाई कर्मचारियों की कमी बताई जाती है। दिव्यांगों के लिए प्लेटफार्म दो पर स्थित दिव्यांग शौचालय पर भी गंदगी का कब्जा हो गया है। द्वितीय प्रतीक्षालय कक्ष में मांगने वालों ने डेरा जमा रखा है। प्रतीक्षालय में यात्री सुविधा को लेकर विशेष प्रयास भी नजर नहीं आता।

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गड्ढे में उतरने को यात्री विवश

स्टेशन के प्लेटफार्म एक की लंबाई कम रहने से प्राय: एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी प्लेटफार्म से बाहर ही खड़ी रह जाती है। जिससे रेल यात्रियों को चढ़ने एवं उतरे में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि बागी से चार से पांच फीट नीचे गड्ढे में यात्री उतरने को विवश है। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। हालांकि प्लेटफार्म की लंबाई बढ़ाने का कार्य शुरु किया गया है। बताया जाता है कि प्लेटफार्म की लंबाई 440 मीटर 540 मीटर किया जाएगा। आईओडब्लू ए हेंब्रम ने बताया कि प्लेटफार्म एक की लंबाई बढ़ाने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।

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यात्री शेड जर्जर, दिव्यांगों के शौचालय पर गंदगी का कब्जा

प्लेटफार्म एक पर स्थित यात्री शेड के उपर से शेड ही गायब है। प्लेटफार्म दो पर स्थित दिव्यांगों के लिए शौचालय पर गंदगी ने कब्जा जमा लिया है। दरअसल आंधी में यात्री शेड का करकट हवा में उड़ गया था तब वह उसी स्थिति में पड़ा है।

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लगा मेस्टिक पर नहीं मिलेगा फायदा

प्लेटफार्म पर किसी प्रकार का गड्ढा ना हो और यात्रियों को किसी प्रकार का परेशानी न हो इससे लिए प्लेटफार्म एक से चार तक मेस्टिक बिछाया गया है। हालांकि जिस प्रकार संवेदक द्वारा प्लेटफार्म पर ट्रैक्टर आदि वाहन चलाकर मेस्टिक को तोड़ा जा रहा है इससे इसका यात्रियों को नहीं मिलने की संभावना ज्यादा है।

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आय में आई कमी

रेलवे को एक माह में 75 लाख से अधिक का राजस्व देने वाला झाझा स्टेशन इन दिनों 30 लाख भी जमा नहीं कर पा रहा है। यह स्थिति कोरोना के आने के बाद हुई है। बताया जाता है कि कोरोना काल के पहले झाझा से प्रति दिन दो से ढ़ाई लाख के राजस्व प्राप्त हो रहा था। जिसमें पार्सल, माल ढुलाई एवं पैसेंजर टिकट आदि शामिल थे। इन दिनों वही आय घटकर एक लाख के करीब हो गया है।

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स्टेशन पर होती यात्रियों का जांच

कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देख स्वास्थ्य विभाग ने स्टेशन के मुख्य द्वार के पास कोरोना जांच शिविर स्थापित किया है। स्वास्थ्य प्रबंधक गजेंद्र कुमार ने बताया कि प्रत्येक दिन पांच सौ से अधिक लोगों का कोरोना जांच होता है। स्टेशन के बाहर यह शिविर लगी हुई रहती है। पांच सौ का आकड़ा पार करते ही जांच बंद कर दिया जाता है।


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