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संसाधनों की कमी से मरीजों को नहीं मिल पा रही बेहतर सुविधाएं

जमुई। सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सरकार प्रयासरत है लेकिन जमीनी हकीकत प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हवा होती दिखती है। प्रखंड के तकरीबन ढाई लाख की आबादी की स्वास्थ्य सुविधा निर्भर है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 06:26 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 06:26 PM (IST)
संसाधनों की कमी से मरीजों को नहीं मिल पा रही बेहतर सुविधाएं
संसाधनों की कमी से मरीजों को नहीं मिल पा रही बेहतर सुविधाएं

जमुई। सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर सरकार प्रयासरत है, लेकिन जमीनी हकीकत प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हवा होती दिखती है। प्रखंड के तकरीबन ढाई लाख की आबादी की स्वास्थ्य सुविधा निर्भर है। यहां संसाधनों का अभाव व खाली पड़े पद बता रहे हैं कि बेहतर की उम्मीद ना करें।

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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ही तीस सैय्या वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के दो मंजिला भवन का निर्माण हुआ, पर यहां भी ना तो स्वीकृत पद के अनुरूप चिकित्सक हैं और न ही नर्स। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सकों की सेवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी ली जाती है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन की स्थिति बेहतर नहीं है। बाह्य रोगी कक्ष के कमरे का दरवाजा महीनों से टूटा हुआ है। यहां प्रतिदिन औसतन सौ से अधिक मरीज इलाज के लिए आते हैं। शनिवार को दोपहर एक बजे ओपीडी में डा. सुजीत कुमार मरीजों को देख रहे थे। पैथोलाजी जांच कक्ष में ताला लटका था। एक्स-रे रूम में भी ताला बंद था। एक्सरे मशीन उपलब्ध होने के बाद भी आज तक मरीजों सुविधा नहीं मिल पाई है। संख्या की बात करें तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चार शौचालय हैं, लेकिन एक भी कार्यरत नहीं है। तीन के दरवाजे टूटे हैं तो एक में ताला बंद है। ओपीडी के बाहर लगे नल के टूट जाने से वहां पानी टपक रहा था। नल को बदलने की बजाय उसे कपड़े से बंद कर पानी रोकने का असफल प्रयास जरूर किया गया था। अस्पताल में ड्रेसर, सफाई कर्मी जैसे महत्वपूर्ण पद खाली हैं। कांट्रैक्ट कर्मियों से अस्पताल परिसर की नियमित सफाई होती है। कुछ कर्मी अस्पताल परिसर में आवंटित क्वार्टर में रहते हैं तो कुछ बाहर किराए के मकान में। पूर्व से यहां पांच चिकित्सक कार्यरत थे, वहीं कोरोना काल में एक अन्य चिकित्सक को पदस्थापित किया गया है। इलाज कराने आई डुमरी की पुष्पा देवी ने बताया कि बुखार का इलाज कराने आए थे। मरीजों को लिस्ट में उपलब्ध दवा लिखी जाती है। बाहर से दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ती है।

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स्वास्थ्य सुविधाएं एक नजर में

डाक्टर - 06 (एक प्रतिनियुक्त)

नर्स- 40

जीएनएम-09

चतुर्थवर्गीय कर्मी- 06

फार्मासिस्ट-01

ड्रेसर- रिक्त

एंबुलेंस-01

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कोट:-

उपलब्ध संसाधनों में मरीजों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास करते हैं। एक्स रे टेक्नीशियन का अनुबंध समाप्त है। इस कारण एक्सरे की सुविधा बंद है।

जूही अल्का, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, सोनो


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