विश्व बाजार में स्थापित करने के लिए स्मार्ट मैन्युफैक्चरिग आवश्यक
जमुई। बदलते परिवेश में देसी उत्पाद को विश्व बाजार में स्थापित करने को लेकर चौतरफा कवायद शुरू हो गई है।
जमुई। बदलते परिवेश में देसी उत्पाद को विश्व बाजार में स्थापित करने को लेकर चौतरफा कवायद शुरू हो गई है। इसी कड़ी में शुक्रवार को राजकीय अभियंत्रण कॉलेज जमुई, मुंगेर और लखीसराय की ओर से तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया।
स्मार्ट मैन्युफैक्चरिग को लेकर आयोजित ऑनलाइन प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक संजीव कुमार ने किया। इस दौरान उन्होंने प्राध्यापकों एवं छात्रों से स्मार्ट मैन्युफैक्चरिग पर जोर देने की अपील करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि हम अपने ज्ञान, विज्ञान को विश्व बाजार में सिद्ध करें। उन्होंने कहा कि नौकरी में संभावनाएं सीमित है, जबकि मैन्युफैक्चरिग का दायरा व्यापक है। हमने अब तक नौकरी की ओर भागने की प्रवृत्ति अपनाए रखी है। लिहाजा विश्व बाजार में मैन्युफैक्चरिग के क्षेत्र में उम्मीद के अनुरूप स्थान बनाने में पिछड़ते चले गए। ऑनलाइन प्रशिक्षण के मुख्य अतिथि एआईसीटीई के एडवाइजरी एक्सपर्ट कमेटी मेंबर डॉ. एस मोहन कुमार तथा रिसोर्स पर्सन के रूप में विभिन्न अभियंत्रण महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. विशाल दत्त वी कोहीर व डॉ. राजशेखर मतपथी तथा जी पावर लिमिटेड के मुख्य संस्थापक सिदालिग एस शंकर थे। स्थानीय स्तर पर राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय जमुई, मुंगेर और लखीसराय के प्राचार्य प्रो विमल कुमार के नेतृत्व में प्रो. सौरभ सुमन, डॉ. राकेश रोशन एवं डॉ. राजेंद्र पंडित समन्वयक की भूमिका निभा रहे थे। प्राचार्य ने बताया कि प्रशिक्षण के उपरांत प्रमाण पत्र वितरण किया जाएगा।