बेसहारा चार बच्चों की पढ़ाई का उठाया खर्च
जमुई। जीवन में उपलब्धि प्राप्त करना हर व्यक्ति का लक्ष्य होता है। इसके बाद जीवन मूल्यों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य होता है।
जमुई। जीवन में उपलब्धि प्राप्त करना हर व्यक्ति का लक्ष्य होता है। इसके बाद जीवन मूल्यों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य होता है। जब हम उपलब्धि प्राप्त कर लेते हैं तो अपने भीतर के मानव को सजग रखना भी उतना ही जरूरी है जितना स्वयं के लिए लक्ष्य तलाश करना। यह उद्गार एक अधिकारी के हैं, जिनकी बुधवार को सालगिरह थी।
इस अवसर को एक निर्धन परिवार के बच्चों के नाम कर दिया। उन्होंने उस परिवार के बीच जाकर खुशियां बांटी। अब वे उन चार बेसहारा बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएंगे। जिन्हें गरीबी और मुफलिसी के बीच दो वक्त का भोजन ठीक से मयस्सर नहीं हो रही थी। यह अधिकारी सदर प्रखंड के बीडीओ पुरुषोत्तम त्रिवेदी है। उन्होंने बताया कि उनके कार्यालय में मंगलवार को दो महिलाएं आई थी। पता चला कि वे दोनों सास बहू है तथा दोनों विधवा हैं और इनके घर में देखरेख करने या कमाने वाला कोई नहीं है। नवकाडीह गरसंडा निवासी सास उषा देवी तथा बहू का नाम ज्योति देवी। ज्योति के चार बच्चे हैं। इनकी व्यथा सुनकर कल्याणकारी योजनाओं से इनको लाभ तो पहुंचाया, लेकिन मन कचोटता रहा। इस परिवार के जीवन में जो अंधेरा छाया है उसमें थोड़ी रोशनी लाई जाए। यह सोच इस बार शादी की सालगिरह उसी परिवार के बीच मनाने का फैसला लिया और बुधवार की सुबह उसके घर जा पहुंचे। पत्नी और पुत्र भी साथ थे। परिवार के सभी सदस्यों के लिए कपड़े, मिठाइयां और अन्य मदद के सामान लिया। चार छोटे-छोटे बच्चों को देख उसके भविष्य को लेकर तत्क्षण फैसला लिया कि उन चारों बच्चों की पढ़ाई का खर्च वह उठाएंगे। यह सुन बच्चों के चेहरों पर मुस्कान आई। पत्नी ने शादी की सालगिरह का इसे अनमोल तोहफा करार दिया। अब संतोष पांडे के बच्चे भी अन्य बच्चों की तरह पढ़ाई कर सकेंगे इस बात का उनकी मां और दादी को भी संतोष है।