जिले के 30 स्कूल के छात्र पी रहे फ्लोराइड और बैक्टीरिया युक्त पानी
आशीष सिंह चिटू जमुई जिले के 30 सरकारी विद्यालयों के छात्र फ्लोराइड और बैक्टीरिया युक्त पानी पी रहे हैं। पौष्टिक मध्याह्न भोजन के बाद दूषित जल पी रहे हैं। दूषित पानी पीने से इन स्कूलों में नामांकित लगभग 12 हजार से अधिक छात्रों की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना बनी है।

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जागरण विशेष
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-सर्वे के बाद ठंडे बस्ते में पड़ी रही रिपोर्ट
- छात्रों की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना
- कुछ स्कूलों में चापाकल के बोरिग में सबर्मसिबल पंप लगाकर नल लगाया गया
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-76 स्कूलों के पानी का पीएचईडी ने किया था सर्वे
-30 स्कूलों के पानी को बताया था असुरक्षित
-12 हजार से अधिक बच्चे अभी भी पी रहे चापाकल का पानी
-13 स्कूल झाझा प्रखंड में, 12 स्कूल लक्ष्मीपुर प्रखंड में और 5 स्कूल सिकंदरा प्रखंड
- 2014 में पीएचईडी ने की थी स्कूलों में चापाकल के पानी की जांच
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फोटो 4 जमुई-13,14
आशीष सिंह चिटू, जमुई : जिले के 30 सरकारी विद्यालयों के छात्र फ्लोराइड और बैक्टीरिया युक्त पानी पी रहे हैं। पौष्टिक मध्याह्न भोजन के बाद दूषित जल पी रहे हैं। दूषित पानी पीने से इन स्कूलों में नामांकित लगभग 12 हजार से अधिक छात्रों की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना बनी है। इन स्कूलों में झाझा प्रखंड के 13, लक्ष्मीपुर के 12 और सिकंदरा प्रखंड के पांच स्कूल शामिल हैं। पीएचईडी विभाग ने वर्ष 2014 में इन प्रखंडों के 76 स्कूलों के चापाकल की पानी की गुणवत्ता का परीक्षण किया था। इसके बाद 30 स्कूलों के चापाकल के पानी को असुरक्षित करार दिया था। इसके बाद सर्वे रिपोर्ट फाइलों में बंद हो गई। नतीजतन अभी भी इन स्कूलों के बच्चे चापाकल के पानी से ही प्यास बुझा रहे हैं। इन स्कूलों में जल नल का कनेक्शन नहीं किया गया है। अलबत्ता कुछ स्कूलों में चापाकल के बोरिग में ही सबर्मसिबल पंप लगाकर नल लगाया गया है।
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पानी में है फ्लोराइड और बैक्टीरिया
पीएचईडी की जांच रिपोर्ट में झाझा प्रखंड के 13 स्कूलों में दो स्कूल में बैक्टीरिया और 11 स्कूल में फ्लोराइड पाया गया था। इसी प्रकार लक्ष्मीपुर प्रखंड के 12 स्कूलों में एक में फ्लोराइड, एक में बैक्टीरिया दोनों, दो में बैक्टीरिया और आठ स्कूल में फ्लोराइड पाया गया था। सिकंदरा प्रखंड के पांच स्कूल में तीन में बैक्टीरिया और दो में फ्लोराइड पाया गया था।
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चापाकल के बोरिग से चला रहे मोटर
कुछ स्कूलों में चापाकल की बोरिग में मोटर लगाकर पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसमें झाझा में मध्य विद्यालय धमना, रजला, लक्ष्मीपुर प्रखंड में डोमाचक सिकंदरा प्रखंड में मंजोष स्कूल शामिल है।
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एक से 1.5 मिलीग्राम तक ही होनी चाहिए फ्लोराइड की मात्रा
पीएचईडी के गाइडलाइन के अनुसार पानी में एक से 1.5 मिलीग्राम से अधिक फ्लोराइड की मात्रा नुकसानदायक होती है। इन स्कूलों में फ्लोराइड की मात्रा निर्धारित से अधिक मात्रा पाई गई थी। बैक्टीरिया कई प्रकार के होते हैं। बैक्टीरिया यानि जीवाणु प्रदूषण के कारण अतिसार, पेचिश, टाइफाइड, कालरा और पीलिया जैसे रोग होते हैं। फ्लोराइड की अधिकता से दांतों की हड्डियां, पैर-हाथ व शरीर के हड्डी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। यह दिव्यांगता भी कारण बन जाता है।
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कोट
एमडीएम कार्यालय को सूची उपलब्ध करा दी गई थी। इसकी जांच कर ली जाएगी। समस्या निदान के लिए समुचित प्रयास किया जाएगा।
पारस कुमार, डीपीओ समग्र शिक्षा, जमुई
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कोट
एकबार फिर पानी की गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी। इसके रिपोर्ट के आधार पर अग्रेतर निर्णय लिया जाएगा।
अरूण प्रकाश, कार्यपालक पदाधिकारी, पीएचईडी जमुई
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प्रभावित स्कूलों के नाम व फ्लोराइड की मात्रा प्रखंडवार
प्रखंड: झाझा
एमएस धमना-1.89, यूएमएस सलैया-1.79, एनपीएस सलैया-1.52, यूएमएस दीघरा-1.86, एनपीएस चिलको-1.85, यूएमएस तेतरियाकला-2.11 , एमएस रजला-1.86, यूएमएस कुमैनी-1.56, यूएमएस हरना-1.57, एनपीएस बुढनेर-1.76, एनपीएस गरही-1.65 तथा एनपीएस पहाड़पुर पिपरा व एमएस गोविदपुर में बैक्टीरिया पाया गया था।
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प्रखंड: लक्ष्मीपुर
यूएमएस सोनदीपी-1.63, यूएमएस मोहनपुर-1.78, यूएमएस तेतरिया-1.6, पीएस असोता-2.03, यूएमएस मसले-2.12, यूएमएस हरला-1.56, पीएस टिटहिया-1.81, यूएमएस दोनहा-1.55, पीएस मदनीपुर-1.63 तथा आरबीबी काला जिनहारा में फ्लोराइट-1.83 एवं बैक्टीरिया तथा यूएमएस डोमाचक एवं यूएमएस दोनहा-2 में बैक्टीरिया पाया गया था।
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प्रखंड: सिकंदरा
एनपीएस खैरी-1.77, एमएस मंजोष-1.51, यूएमएस जलयदोस्तीनी-1.65, एनपीएस तथा बकसनपुर व यूएमएस खेउसर के पानी में बैक्टीरिया पाया गया था।
Edited By Jagran