जिसकी जमीन उसका ही फेंका पड़ा गड्ढे में डस्टबिन
संवाद सहयोगी जमुई सुविधा की आस पर उपलब्ध संसाधन की नजरअंदाजगी की बानगी शहर के वार्ड छह बिहारी एवं निवर्तमान नप अध्यक्ष के मोहल्ले में नगर परिषद के डस्टबिन को गड्ढे में फेकें पड़े होने से मिल रही है। मालूम हो शहर के चौक चौराहे पर कचरा डालने के लिए नगर परिषद ने लोहे के बड़े बड़े डस्टबिन रखा था।
फोटो- 03 जमुई- 26
संवाद सहयोगी, जमुई : सुविधा की आस पर उपलब्ध संसाधन की नजरअंदाजगी की बानगी शहर के वार्ड छह बिहारी एवं निवर्तमान नप अध्यक्ष के मोहल्ले में नगर परिषद के डस्टबिन को गड्ढे में फेकें पड़े होने से मिल रही है। मालूम हो शहर के चौक चौराहे पर कचरा डालने के लिए नगर परिषद ने लोहे के बड़े बड़े डस्टबिन रखा था। जनप्रतिनिधि की दिलचस्पी नहीं दिखने और नप प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने के कारण सरकारी जगह को अतिक्रमण कर डस्टबिन को गड्ढे में फेंका जा रहा है। मोहल्ले की मुख्य सड़क किनारे सरकारी जमीन पर दबंगई कर दिन प्रतिदिन कब्जा करने की धारणा बढ़ती जा रही है। जिस पर जिला प्रशासन लगाम लगाने में सफल नहीं हो रहा है।
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केस स्टडी -1
वार्ड संख्या छह न्यू टोला बिहारी मोहल्ले में जियो टावर के निकट सरकारी जमीन पर दो डस्टबिन रखे थे। सरकारी जमीन अतिक्रमण करने वाले जमीन की भराई कर वहां पर रखे डस्टबिन को गड्ढे में रख दिया। इस जगह पर सरकार की 10 डीसमील जमीन है। बावजूद डस्टबिन के लिए दो गज जगह नहीं मिल रही है।
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केस स्टडी-2
शहर का वार्ड 24 जो निवर्तमान अध्यक्ष का वार्ड है। उनके वार्ड में कचरा रखने वाले डस्टबिन के लिए जगह नहीं मिल रही है। इस जगह भी अतिक्रमणकारियों ने जल स्त्रोत की भराई कर कब्जा जमा लिया है। वहीं डस्टबिन गड्ढे में पड़ी है। इस स्थल पर मंदिर के अलावा आटो स्टैंड मौजूद है। यह स्थिति शहर में कई जगहों पर है। जिला प्रशासन की उदासीनता से अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। जिस वजह से अतिक्रमणकारियों का मनोबल बढ़ रहा है।