मां की चिता की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि नवजात ने तोड़ा दम
जमुई। मां की चिता में अभी आग लगी भी नहीं थी की नवजात ने भी दम तोड़ दिया।
जमुई। मां की चिता में अभी आग लगी भी नहीं थी की नवजात ने भी दम तोड़ दिया। कुछ घंटे के अंतराल में जच्चा-बच्चा की मौत के साथ ही स्वजनों और ग्रामीणों में मातम का माहौल है। जच्चा-बच्चा की मौत का मामला प्रखंड के रामचन्द्रडीह पंचायत के लगमा गांव का है।
ग्रामीणों ने बताया कि शंकर तुरी की पत्नी पूजा देवी को तीन दिन पूर्व प्रसव पीड़ा हुई। कोरोना महामारी के कारण स्वजन डर से अस्पताल नहीं ले गए तो गांव की महिलाओं ने घर में ही प्रसव करा दिया। प्रसव के बाद बच्ची पूरी तरह स्वस्थ थी। प्रसव के बाद मां की तबियत बिगड़ गई तो स्वजनों ने चकाई रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया। जहां प्राथमिक इलाज के बाद महिला को देवघर रेफर कर दिया गया। जहां इलाज के क्रम में गुरुवार की शाम महिला पूजा देवी की मौत हो गई। पूजा की मौत के बाद स्वजन देर रात शव घर ले आए और शुक्रवार को अंतिम संस्कार के लिए ले गए। इसी बीच घर से खबर मिली कि बच्ची ने भी दम तोड़ दिया है। बच्ची की मौत के बाद स्वजन मातम में डूब गए। आखिरकार स्वजनों द्वारा बच्ची के शव को भी मां के चिता के समीप ही मिट्टी दिया गया। इस घटना से पूरे गांव को झकझौर दिया है। मृतका पूजा के पति शंकर तुरी ने बताया कि वह मजदूरी कर घर परिवार चलाता था और खुश था। अचानक हुए इस घटना से परिवार में मातम छा गया है। पत्नी की मौत से दो साल का बेटा आयुष का रो-रोकर बुरा हाल है। जदयू जिला महासचिव सह पूर्व जिला पार्षद प्रहलाद रावत ने स्वजनों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया।