..आखिरकार पांच वर्षो बाद सच्चाई की हुई जीत
जमुई। संघर्ष की इच्छा शक्ति मजबूत हो तो सच्चाई को पराजित नहीं किया जा सकता है। यह झाझा प
जमुई। संघर्ष की इच्छा शक्ति मजबूत हो तो सच्चाई को पराजित नहीं किया जा सकता है। यह झाझा प्रखंड के पैरगाहा पंचायत अंतर्गत सबयजोर गांव में सोमवार को साबित हो गया। 5 वर्ष पूर्व वर्ष 2014 में फर्जी तरीके से निर्गत परित्यक्ता प्रमाण पत्र के आधार पर चयनित सेविका के विरुद्ध जब विभा ने संघर्ष शुरू किया था तो बीच-बीच में कुछ फैसलों ने उसे विचलित भी किया। लेकिन, वह अपने धुन में लगी रही। इस काम में उसके पति ललन का तो बखूबी साथ उसे मिला ही दैनिक जागरण न्याय की इस लड़ाई में आखिरी कील साबित हुआ। जागरण में फर्जीवाड़ा से संबंधित इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। बकौल विभा दैनिक जागरण के साथ ही जिलाधिकारी धर्मेंद्र कुमार एवं आईसीडीएस की डीपीओ कविता कुमारी ने भ्रष्टाचार के दलदल में कमल की तरह खिलकर अन्याय के विरुद्ध लड़ने वालों को साहस और आत्मबल दिया है।
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ग्राम सभा में दिया गया चयन पत्र
लंबी लड़ाई के बाद फर्जी तरीके से चयनित सेविका नीतू कुमारी को चयन मुक्त कर दिए जाने के बाद विभा कुमारी को विधिवत ग्राम सभा आयोजित कर आंगनवाड़ी केंद्र संख्या 252 की सेविका पद के लिए पर्यवेक्षिका सुलोचना कुमारी द्वारा चयन पत्र निर्गत किया गया। सोमवार को पैरगाहा पंचायत के वार्ड संख्या 12 में आयोजित ग्राम सभा की अध्यक्षता वार्ड सदस्य श्यामा देवी ने की।
मुखिया के खिलाफ एफआइआर का भी दिया था आदेश
इस मामले में सेविका को चयन मुक्त किए जाने के साथ ही तत्कालीन मुखिया प्रदीप कुमार के विरुद्ध आइसीडीएस डीपीओ द्वारा मुकदमा दर्ज कराने का भी आदेश पारित किया गया है।