आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं करने पर नपेंगे पुलिस पदाधिकारी : एसपी
जमुई। सोमवार को पुलिस अधीक्षक डॉ. इनामुल हक मेंगनू ने सुस्त पदाधिकारियों को कड़ी फटका
जमुई। सोमवार को पुलिस अधीक्षक डॉ. इनामुल हक मेंगनू ने सुस्त पदाधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने हत्या से लेकर आर्थिक अपराध की समीक्षा की। इस दौरान रेलवे में नौकरी लगाकर लाखों की वसूली मामले में पुलिस अधीक्षक ने डीएसपी भास्कर रंजन को सभी आरोपितों की जमानत रद करने की अनुशंसा जल्द करने का निर्देश दिया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि न्यायालय द्वारा किसी भी अभियुक्त को बेल दी जाती है तो आरोपित व्यक्ति से पुलिस अनुसंधान में सहयोग की अपेक्षा रहती है। इस मामले में बेल कराकर आरोपित फरार है। दर्जनों लड़कों से लाखों की वसूली कर गलत तरीके से संपत्ति बनाई हुई है। ऐसे लोगों के संपत्ति की जांच जरूरी है। पुलिस अधीक्षक ने एक माह के अंदर डीएसपी एवं थानाध्यक्ष को आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया, अन्यथा पुलिस पदाधिकारी पर कार्रवाई प्रारंभ हो जाएगी। पीड़ित युवक चरघरा गांव के विजय पासवान एवं बाबुबांक के मनीष कुमार ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर न्याय दिलाने की मांग की थी।
यह था मामला
रेलवे में नौकरी के नाम पर शहर के पीपराडीह मुहल्ले के युगलकिशोर यादव, श्याम किशोर भारती, राकेश रंजन, मुकेश यादव ने शहर एवं प्रखंड के 14 युवकों से 98 लाख रुपये की वसूली की थी। ठगी के शिकार युवकों ने राशि चेक, कैश एवं आरटीजीएस के माध्यम से युगल यादव को उपलब्ध कराया था। मजेदार पहलु तो यह था कि युवकों का मेडिकल एवं ट्रेनिग भी कराया गया था। मेडिकल के लिए पश्चिम बंगाल के लिलुआ ले जाया गया था जबकि बंगाल के ही त्रिवेणी शहर में ट्रेनिग कराया गया था। लेकिन चंद दिनों बाद ही जालसाजी का भंडाफोड़ हो गया। जालसाजी समझ में आते ही सबों ने युगल यादव एवं उनके पुत्र से पैसे की मांग शुरु कर दी। इस दौरान युगल यादव के घर पर पैसे मांगने गए युवकों के साथ भतीजा मुकेश यादव एवं राकेश यादव द्वारा मारपीट एवं जातिसूचक शब्द का प्रयोग कर गाली-गलौज भी किया गया।
2 फरवरी को इस मामले में पीड़ित युवक ने स्थानीय थाना में एक मामला दर्ज कराया था लेकिन पुलिस ने मामले को ठंढे बस्ते में डाल दिया। मजबूरन पीड़ितों ने एसपी का दरवाजा खटखटाया।
नौकरी के लिए वसूले थे 6 से 12 लाख
आरोपितों ने चरघरा और बाबुबांक गांव के युवकों से नौकरी के लिए 6 से 12 लाख तक चेक, केश एवं आरटीजीएस से वसूले थे।
-मनीष कुमार से 12 लाख
-विजय पासवान से 8,90,000
-कुमार अंशु से 8 लाख
दिनेश कुमार से 2 लाख
-मुन्ना वर्णवाल से 7 लाख
-विपीन सिन्हा से 6,50,000
-प्रभाकर केसरी से 7 लाख
-संदीप कुमार से 8 लाख
-सुनील तिवारी से 8 लाख
-कुल्लू सिंह से 8 लाख
-प्रंदीप कुमार से 8 लाख
-हर्ष भारत से 8 लाख
-अमित कुमार 7 लाख
-अंकुश कुमार से 6 लाख रुपये