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नल जल योजना में गड़बड़ी के आरोप में तत्कालीन मुखिया पति समेत आधा दर्जन वार्ड सदस्य पर केस दर्ज

- हथिया पंचायत में मुखिया पति आधा दर्जन वार्ड सदस्य व सचिव ने डकार लिए साढ़े पांच लाख रुपया -

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Jul 2022 07:12 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jul 2022 07:12 PM (IST)
नल जल योजना में गड़बड़ी के आरोप में तत्कालीन मुखिया पति समेत आधा दर्जन वार्ड सदस्य पर केस दर्ज
नल जल योजना में गड़बड़ी के आरोप में तत्कालीन मुखिया पति समेत आधा दर्जन वार्ड सदस्य पर केस दर्ज

- हथिया पंचायत में मुखिया पति, आधा दर्जन वार्ड सदस्य व सचिव ने डकार लिए साढ़े पांच लाख रुपया - भाजपा प्रखंड अध्यक्ष भी इसमें शामिल - मुख्यमंत्री जनता दरबार पहुंचने पर मामले की हुई जांच

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- आवेदनकर्ता वार्ड सदस्य भी इसमें शामिल संवाद सूत्र, झाझा(जमुई): झाझा प्रखंड के हथिया पंचायत में जल नल योजना में व्यापक गड़बड़ी की गई है। संयुक्त सचिव के निर्देश पर पंचायत सेवक विजय कुमार सिंह ने तत्कालीन मुखिया शोभा देवी के पति राजेंद्र ठाकुर सहित आधा दर्जन वार्ड सदस्य, सचिव एवं दो अन्य ग्रामीण पर गबन का मामला दर्ज कराया है। इन पर साढ़े पांच लाख की राशि का गलत तरीके से उपयोग कर बंदरबांट किए जाने का आरोप लगा है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के जनता दरबार में लूट-खसोट की शिकायत पहुंचने के बाद जांचोपरांत की गई है। मजेदार बात यह है कि जांच में वह वार्ड सदस्य भी लूट खसोट में शामिल पाए गए जो शिकायत लेकर जनता दरबार पहुंचे थे। इसमें सत्ताधारी के एक नेता भाजपा के प्रखंड अध्यक्ष सत्यनारायण तुरी भी शामिल हैं। यह उस समय वार्ड 13 के वार्ड सदस्य थे। बताया जाता है कि वार्ड 11 बंदरचुआ गांव के वार्ड सदस्य बिदेश्वरी यादव ने विगत दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में आवेदन देकर वार्ड 5, 11 एवं 17 में नल-जल योजना की राशि आवंटन नहीं करने एवं कमीशन मांगे जाने की शिकायत की थी। उक्त मामले पर पंचायती राज विभाग पटना ने दो टीम गठित कर मामले की जांच कराई। इसमें नल-जल योजना की राशि गलत तरीके से निकाल कर गबन करने का मामला सामने आया। इसमें मुखिया पति समेत आधा दर्जन वार्ड क्रियान्वयन समिति के सदस्य जिम्मेवार पाए गए। शेर गांव के मुखिया पति राजेंद्र ठाकुर ने वार्ड 17 का 45 हजार एवं 51 हजार, वार्ड 13 का 74 हजार एक सौ, इसी गांव के अजय मंडल ने वार्ड 11 का 50 हजार, वार्ड 17 का एक लाख 60 हजार, वार्ड चार का 50 हजार, वार्ड दो का 20 हजार एवं बलियो गांव के रविद्र यादव ने वार्ड सात का एक लाख रुपया चेक के माध्यम से लिया है जो वार्ड क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष एवं सचिव ने उपलब्ध कराया था। जांच टीम ने पाया कि जिन्हें चेक मुहैया कराया गया उक्त सभी द्वारा किसी प्रकार का यंत्र मुहैया नहीं कराया गया है, जबकि चेक उसे दी जानी है जो नल-जल योजना का सामान उपलब्ध कराता है। इसके कारण वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति भी दोषी पाए गए। उन्होंने वार्ड दो पांडेयडीह गांव के तत्कालीन वार्ड अध्यक्ष शांति देवी एवं सचिव मदन कुमार पंडित, वार्ड चार शेर गांव के अध्यक्ष वासुकी यादव एवं सचिव मनीषा कुमारी, वार्ड सात बलियो गांव की अध्यक्ष मनका खातून एवं सचिव फिरोज खान, वार्ड ग्यारह बंदरचुआ गांव के अध्यक्ष बिदेश्वरी यादव एवं सचिव सिमरसोत, गांव के नीतीश कुमार, वार्ड 13 अंबा गांव के अध्यक्ष सत्यनारायण तुरी एवं सचिव सुधीर यादव एवं वार्ड 17 सुंदरीटांड़ गांव के अध्यक्ष सिधु देवी, सचिव मनोज कुमार दास को भी दोषी बनाया है। पंचायत सेवक के आवेदन पर थानाध्यक्ष राजेश शरण ने सभी पर मामला दर्ज कर कार्रवाई प्रारंभ कर देने की बात कही। --

इसके पहले तीन पंचायत पर दर्ज है मामला नल-जल योजना में पैसे का बंदरबांट करने का यह पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी प्रखंड के तीन पंचायत पर राशि बंदरबांट करने का मामला थाना में दर्ज है। इसमें एक मुखिया एवं वार्ड क्रियान्वयन समिति के सदस्य शामिल पाए गए थे। उक्त मामला ठंडे बस्ते में बंद पड़ा हुआ है जिसमें प्रखंड के बलियाडीह, रजला, महापुर पंचायत शामिल है। --

बुने जाल में खुद फंस गए वार्ड सदस्य निकले थे पंचायत के मुखिया पति को फंसाने और खुद अपने बुने जाल में फंस गए। यह बात प्रखंड के हथिया पंचायत के वार्ड 11 के वार्ड सदस्य बिदेश्वरी यादव पर सटीक बैठ रही है। तत्कालीन मुखिया शोभा देवी एवं उनके पति राजेंद्र ठाकुर से नल-जल योजना के राशि में कमीशन को लेकर उत्पन्न हुए विवाद को वार्ड सदस्य ने अपने नाक की लड़ाई बना ली थी। मुखिया पति के विरुद्ध हल्ला बोल दिया। मुख्यमंत्री के जनता दरबार से लेकर कमिश्नर, जिलाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी का दरवाजा खटखटाया। उन्हें इस बात का इल्म नहीं था कि इसकी आंच उन तक भी पहुंच जाएगी। मुख्यमंत्री जनता दरबार में पहुंचते ही जांच कमेटी बैठ गई और योजना की जांच हुई। इसमें तत्कालीन वार्ड सदस्य खुद चेक काट कर पैसे का गलत उपयोग करते हुए पाए गए। उक्त वार्ड सदस्य के साथ ही अन्य वार्ड सदस्य भी इस मामले में दोषी पाए गए।


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