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बानपुर से नवनिर्वाचित मुखिया की वार्षिक आमदनी 15 लाख

अरविद कुमार सिंह जमुई जिले में पंचायत चुनाव संपन्न हो गया है। इस चुनाव में कई रोचक पहलू भी सामने आए हैं। महानगरों की चकाचौंध और लाखों की कमाई वालों को भी पंचायत चुनाव ने अपनी ओर आकर्षित किया। आखिरी चरण में चुने गए एक मुखिया डा. इबरार आलम की वार्षिक आमदनी 14.99 लाख है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 05:59 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 05:59 PM (IST)
बानपुर से नवनिर्वाचित मुखिया की वार्षिक आमदनी 15 लाख
बानपुर से नवनिर्वाचित मुखिया की वार्षिक आमदनी 15 लाख

फोटो- 12,14,16,18

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- सर्वाधिक शहरी भूमि निर्विरोध निर्वाचित जिला पार्षद दुलारी के नाम

- लाख से नीचे की कमाई है जिला पार्षद सुनील पासवान की

- पूर्व विधायक पुत्र के पास नहीं है खुद की कार

अरविद कुमार सिंह, जमुई : जिले में पंचायत चुनाव संपन्न हो गया है। इस चुनाव में कई रोचक पहलू भी सामने आए हैं। महानगरों की चकाचौंध और लाखों की कमाई वालों को भी पंचायत चुनाव ने अपनी ओर आकर्षित किया। आखिरी चरण में चुने गए एक मुखिया डा. इबरार आलम की वार्षिक आमदनी 14.99 लाख है। दूसरे नंबर पर निर्विरोध चुनी गई जिला पार्षद दुलारी देवी हैं। इनकी भी वार्षिक आमदनी नौ लाख से ऊपर है। इसमें पति की भी कमाई शामिल है। तीसरे नंबर पर दाबिल की मुखिया पुतुल कुमारी हैं। जिन्होंने हलफनामा में वार्षिक आमदनी 8.50 लाख का दिया है। दरियाफ्त करने पर स्पष्ट हुआ कि यह आमदनी उनके बिहार सैन्य पुलिस में कार्यरत पति की है। बरहट के पूर्व प्रमुख उनसे थोड़ा पीछे हैं और चौथी बार चुने गए पंचायत समिति सदस्य रुबेन सिंह की वार्षिक आमदनी आठ लाख रुपये की है। चार से पांच लाख तक की वार्षिक आमदनी वाले प्रतिनिधियों की संख्या करीब एक दर्जन से अधिक है। डा. इबरार के नाम कोलकाता में तो रूबेन के नाम नोएडा में प्लाट और फ्लैट है। महानगर में प्लाट और फ्लैट के मालिक तो कोल्हाना पंचायत से नवनिर्वाचित मुखिया सत्यम कुमार सिंह भी हैं। सोनो प्रखंड में पैरा मटिहाना की मुखिया रंभा कुमारी कुशवाहा की वार्षिक आमदनी आठ लाख की है। चकाई के माधोपुर से मुखिया पंकज कुमार साह की भी आमदनी सात लाख की बताई जाती है।

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सर्वाधिक फिक्स डिपाजिट भी इबरार के नाम

सर्वाधिक वार्षिक आमदनी तथा महानगर में लाठौर फ्लाइट के मालिक बानपुर पंचायत के मुखिया डा. इबरार के नाम सर्वाधिक फिक्स डिपाजट है। इनके हलफनामे में पैतृक गांव में 30 लाख रुपये मूल्य की दो एकड़ कृषि भूमि और उतनी ही कीमत का पक्का मकान के अलावा मिर्जा गालिब स्ट्रीट कोलकाता में एक करोड़ का पक्का मकान इनके नाम है। नवनिर्वाचित मुखिया के पास नकद 4,43,991, 30 लाख का फिक्स डिपाजिट और ढाई लाख का बांड है। इबरार 3.50 लाख की एंबेसडर कार, 4.50 लाख की इयान कार और 18 लाख की इंडीवर की सवारी करते हैं। स्वर्ण आभूषण भी आधा किलो से थोड़ा कम 400 ग्राम और डेढ़ सौ ग्राम चांदी इनके एफिडेविट की चमक बढ़ा रही है। ओडेशा स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी यूक्रेन से बीएससी, एमडी फिजिशियन फैलोशिप इन क्रिटिकल केयर मेडिसिन डा. इबरार यस बैंक के पांच लाख का कर्जदार भी हैं।

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जिला पार्षद दुलारी के नाम सर्वाधिक शहरी भूमि

जमुई जिले में निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों में निर्विरोध निर्वाचित जिला पार्षद दुलारी देवी के पास तीन करोड़ 78 लाख 65 हजार की शहरी भूमि सर्वाधिक 187.5 डिसमिल है। तीसरी बार जिला पार्षद बनी दुलारी पति-पत्नी की वार्षिक आमदनी 9,42,771 रुपये की है। इनके पास चार एकड़ कृषि भूमि के अलावा एक करोड़ रुपये मूल्य की जगदंबा मार्केट इनके हलफनामे में है। दो जेसीबी, दो ट्रैक्टर, एक-एक स्कार्पियो और क्रेटा कार की मालकिन दुलारी पति पत्नी पर अलग-अलग बैंकों का 30 लाख का कर्ज भी है। बैंक बैलेंस और फिक्स डिपाजिट की बात करें तो क्रमश: 50 हजार और 3.79 लाख का जिक्र उन्होंने एफिडेविट में किया है।

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8.50 लाख की वार्षिक आमदनी पर हाथ खाली

दाबिल पंचायत की मुखिया पुतुल देवी की वार्षिक आमदनी 8.50 लाख रुपये है, पर हाथ खाली है। नकद इनके हाथ में मात्र 10,000 और बैंक में 70,000 ही है। संपत्ति के नाम पर भी एक बीघा कृषि भूमि, सम्मिलित पक्का मकान, एक मोटरसाइकिल, 20 ग्राम सोना और दस भरी चांदी है।

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पूर्व प्रमुख के पास खुद की नहीं है चार पहिया वाहन

आश्चर्यजनक, लेकिन हलफनामे की हकीकत है। जमुई के तीन बार विधायक रहे सुशील कुमार सिंह उर्फ हीरा जी के पूर्व प्रमुख पुत्र रुबेन कुमार सिंह के पास चढ़ने के लिए खुद की चार पहिया वाहन नहीं है। चौथी बार निर्वाचित पंचायत समिति सदस्य रुबेन सिंह की वार्षिक आमदनी आठ लाख रुपये की है। इन्होंने 20 लाख का फिक्स डिपाजिट करा रखा है। संयुक्त परिवार में पटना और दिल्ली में दो करोड़ का मकान इनकी संपत्ति वाले कालम को समृद्ध कर रहा है। 15 एकड़ कृषि भूमि तथा खैरमा में 11 डिसमिल शहरी जमीन भी इनके नाम है। एएन कालेज पटना से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने वाले रूबेन उर्फ बुल्ली सिंह पर 18 लाख के हाउसिग लोन की देनदारी भी है। 10 चक्का ट्रक, ट्रैक्टर मोटरसाइकिल और स्कूटी के स्वामी बुल्ली सिंह बरहट के तीन बार प्रमुख रह चुके हैं।

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दूसरी बार मुखिया बनीं रुखसाना की आमदनी जीरो

दूसरी बार मुखिया पद पर निर्वाचित और रुकसाना खातून की आमदनी हलफनामे में जीरो है। रुखसाना झाझा प्रखंड अंतर्गत कनौदी पंचायत से निर्वाचित हुई हैं। गजही पंचायत से निर्वाचित मुखिया सूरजमल मुर्मू की भी वार्षिक आमदनी महज 30,000 की है। फिर से निर्वाचित जिला पार्षद सुनील पासवान की वार्षिक आमदनी एक लाख से नीचे 90 हजार की है। यूं तो जिले में निर्वाचित अधिकांश मुखिया एवं अन्य पंचायत प्रतिनिधियों की वार्षिक आमदनी 80 हजार से लेकर डेढ़ लाख के बीच है, लेकिन कुछेक प्रतिनिधियों की आमदनी चार से छह लाख तक भी है। पैरा मटिहाना पंचायत से निर्वाचित मुखिया रंभा कुमारी कुशवाहा की खुद की दो और पति की छह लाख मिलाकर आठ लाख की आमदनी है। माधोपुर पंचायत की जनता ने भी सात लाख की वार्षिक आमदनी वाले पंकज कुमार साह को अपना मुखिया चुना है। जिला पार्षद अनिल प्रसाद साह, दौलतपुर मुखिया रानी देवी, दरखा मुखिया जयप्रकाश प्रसाद, कुमार मुखिया शंभु कुमार तथा अवगिला चौरासा की मुखिया कोमल कुमारी की वार्षिक आमदनी पांच लाख रुपये की है। झाझा के बोड़वा से नवनिर्वाचित मुखिया अशोक यादव की 4.90 लाख, हथिया की गीता देवी की चार लाख 82 हजार, बलियाडीह से अंजुम खातून, जामुखरैया से विकास कुमार सिंह, फरियताडीह से प्रमिला देवी, पेटरपहड़ी से कविता देवी, सोनो से रेखा देवी और चौडीहा मुखिया राहुल कुमार के अलावा गिद्धौर से जिला पार्षद रीता देवी की वार्षिक आमदनी चार लाख की है।


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