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बारिश का पानी खेत में नहीं जमने दें

संवाद सूत्र सिमुलतला (जमुई) शनिवार देर रात झमाझम बारिश से ठंड ते•ा हो गया है। इससे आमजनों को परेशानी हो रही है। इस ठंड से छोटे-छोटे बचों और वृद्धों पर विशेष ध्यान रखें। सर्दी जुकाम होने का भय बना रहता है। दूसरी और बारिश के कारण किसान भी चितित हो रहे हैं। आलू मसूर चना में पाला और फंगस लगने भय है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 23 Jan 2022 06:22 PM (IST)Updated: Sun, 23 Jan 2022 06:22 PM (IST)
बारिश का पानी खेत में नहीं जमने दें
बारिश का पानी खेत में नहीं जमने दें

फोटो- 23 जमुई- 25,28

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संवाद सूत्र, सिमुलतला (जमुई): शनिवार देर रात झमाझम बारिश से ठंड ते•ा हो गया है। इससे आमजनों को परेशानी हो रही है। इस ठंड से छोटे-छोटे बच्चों और वृद्धों पर विशेष ध्यान रखें। सर्दी, जुकाम होने का भय बना रहता है। दूसरी और बारिश के कारण किसान भी चितित हो रहे हैं। आलू, मसूर, चना में पाला और फंगस लगने भय है। आइए जानते हैं मौसम के बदलने से क्या-क्या परेशानी हो सकती है। किस प्रकार की सतर्कता बरते कर हम चिंता मुक्त हो सकते हैं। झाझा रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सह सिमुलतला अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा. अरुण कुमार सिंह कहते हैं कि अचानक वर्षा होने से मौसम में ते•ाी से परिवर्तन हो रहा है। ऐसी स्थिति में खासकर छोटे-छोटे बच्चों और वृद्धों में इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। बदले मौसम में बच्चों और वृद्धों को खांसी,सर्दी एवं जुकाम होने का भय रहता है। बच्चे और वृद्धों को ज्यादा समय खुले में न रखें। बच्चे या वृद्ध जब भी बाहर जाय तो कान, गला के साथ पूरा शरीर को ढक कर ही भेजे। गुनगुना पानी का सेवन करें। आलू और सरसों में पाला व लाही पड़ने का भय है। दलहन की खेती में इस पानी का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और कुछ पडेगा भी तो वह किसान का हित का होगा। कृषि विज्ञान केंद्र जमुई के विज्ञानी डा. ब्रजेश कुमार सिंह कहते हैं कि बारिश का प्रभाव गेहूं और प्याज की खेती में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सरसों, आलू, मसूर और चना की खेती में यह बारिश किसानों के लिए परेशानी पैदा कर सकते है। फसलों में बीमारी की संभावना बढ़ सकती है। पाला मारने का भय है। उन्होंने बचाव के लिए कृषकों को बताया कि प्रयास करें कि फसल के जड़ में किसी भी स्थिति में पानी का ठहराव न हो। सल्फर 80 प्रतिशत पाउडर तीन ग्राम प्रति लीटर फसल पर छिड़काव करें। इसके अलावा कार्बेन्डा•िाम और मैंको•ोब का भी छिड़काव ढाई ग्राम प्रति लीटर डालकर छिड़काव करने से फसल में पानी पड़ने से बचाव किया जा सकता हैं।


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