प्रशासन सील करने की निभा रहा औपचारिकता
जमुई। प्रशासन की उदासीनता कहें या फिर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही। संक्रमित के घर व क्षेत्र को सील करने की सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है।
जमुई। प्रशासन की उदासीनता कहें या फिर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही। संक्रमित के घर व क्षेत्र को सील करने की सिर्फ औपचारिकता निभाई जा रही है। पॉजिटिव के बाद जब संक्रमित निगेटिव हो रहे हैं तो उनके घरों को प्रशासन द्वारा सील कराया जा रहा है। नगर परिषद क्षेत्र में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनका 14 दिनों का क्वारंटाइन पूरा हो चुका है तो कितने पूरा करने की सीमा पर पहुंच चुके हैं। विभाग द्वारा बिना लक्षण के संक्रमित व्यक्ति को कोविड अस्पताल में 7 से 10 दिनों तक रखने का प्रावधान है, जबकि होम क्वारंटाइन में 14 दिनों तक रहने की सलाह दी जाती है। इतना ही नहीं कई लोग तो रिपोर्ट जानने के लिए भटकते रहते हैं, लेकिन उन्हें रिपोर्ट की जानकारी भी जल्द नहीं मिल पाती है। घर सील होने के बाद पता चलता है कि घर का संक्रमित हुआ है। होम क्वारंटाइन के घर भी स्वास्थ्य कर्मी दवा लेकर विलंब से पहुंच रहे हैं। अधिसंख्य संक्रमित 6 से 7 दिन बिता चुके होते हैं तब उनतक दवाइयां पहुंचती है।
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केस स्टडी-1
-15 को लिया गया सैंपल, 28 को हुआ घर सील
शहर के थाना चौक के एक युवक ने 15 जुलाई को सदर अस्पताल में जांच के लिए सैंपल दिया था। तीन से चार दिन रिपोर्ट जानने के लिए भटकता रहा, लेकिन पता नहीं चला। 28 जुलाई को उसके घर को सील किया जाने लगा। तब उन्हें पता चला कि वह संक्रमित है। तब तक 14 दिन बीत चुके थे। उसके बाद युवक पुन: 29 जुलाई को जांच कराने खैरा गया। जहां उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। फिर 29 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग के कर्मी दवा लेकर युवक के पास पहुंचे।
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केस स्टडी - 2
बगैर जांच के पत्नी को किया पॉजिटिव
सदर प्रखंड के हरनाहा गांव निवासी एक दंपती द्वारा सदर अस्पताल में 15 जुलाई को जांच करायी गयी थी। जांच में पति की रिपोर्ट पॉजिटिव और पत्नी निगेटिव आई। पति को विभाग कोविड अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। 23 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बगैर जांच पत्नी को भी पॉजिटिव बता दिया गया। उसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने 28 जुलाई को घर पहुंच दवा दी, जबकि घर को सील नहीं किया गया।
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केस स्टडी-3
13 को हुई जांच, 29 जुलाई को पहुंची दवा
नगर परिषद क्षेत्र के गोशाला के समीप के एक युवक ने सदर अस्पताल में 13 जुलाई को सैंपल दिया। फिर उसे 7 दिनों के बाद 20 जुलाई को पॉजिटिव की सूचना दी गई और 29 जुलाई को दवा पहुंचाई गई।
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कोट
जिला प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिली सूची के आधार पर संक्रमित के घर व क्षेत्र को सील किया जाता है।
दीपक कुमार, अंचलाधिकारी, जमुई
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कोट
पॉजिटिव को अगर लक्षण नहीं है तो कोविड अस्पताल में 7 से 10 दिन भर्ती किया जाता है। घर में 14 दिनों तक होम क्वारंटाइन रहने का प्रावधान है। पटना से रिपोर्ट आने में 3 से 4 दिन का समय लग जाता है। 14 दिन के बाद रिपोर्ट तो नहीं आती है। एएनएम और आशा कर्मी द्वारा होमक्वारंटाइन के घर-घर जाकर दवा का वितरण किया जाता है। दवा देने में क्यों विलंब हो रहा है इसकी जांच की जाएगी।
सुधांशु नारायण लाल, डीपीएम सदर अस्पताल, जमुई