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नाम के अनुरूप हर तबके के लिए थे भाईजी

संवाद सहयोगी जमुई अपने नाम के अनुरूप पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह हर तबके समुदाय के बीच सम्मान व श्रद्धा से भाईजी के नाम से जाने जाते थे। राजनीतिक गलियारे में इन्हें लोग भले ही नरेंद्र सिंह के नाम से जानते हों लेकिन जिले में ये भाईजी ही कहलाते थे।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 04:58 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 04:58 PM (IST)
नाम के अनुरूप हर तबके के लिए थे भाईजी
नाम के अनुरूप हर तबके के लिए थे भाईजी

-स्वाभिमान से समझौता नहीं करने का नाम था नरेंद्र सिंह

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-बिना झुके, बिना रुके स्वाभिमान की पथ पर रहे अग्रसर

-संघर्ष और जुझारूपन ने बनाया खास

-इनके जोशीले भाषण पर हो जाती थी सभा में शांति

संवाद सहयोगी, जमुई : अपने नाम के अनुरूप पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह हर तबके, समुदाय के बीच सम्मान व श्रद्धा से भाईजी के नाम से जाने जाते थे। राजनीतिक गलियारे में इन्हें लोग भले ही नरेंद्र सिंह के नाम से जानते हों, लेकिन जिले में ये भाईजी ही कहलाते थे। सामाजिक व पारिवारिक रिश्ते की मर्यादा की रक्षा के लिए हक के साथ कभी-कभी डांट-फटकार करते थे। लोग मर्माहत हैं। इन्हें चाहने वालों को अभिभावक रूपी मजबूत छत के हटने का एहसास हो रहा है। हालांकि जब-जब स्वाभिमान के साथ राजनीति की बात निकलेगी नरेंद्र सिंह का नाम मिसाल के रूप में पेश होगा। उनके करीबी बताते हैं कि वे स्वाभिमान से कभी समझौता नहीं करते थे। लाभ-हानि की परवाह नहीं करते थे। राजद शासनकाल में भी सरकार से अपने आप को किनारा कर लिया था। लोजपा से बगावत कर नीतीश कुमार की सरकार गठन में अहम भूमिका निभाई। किसी भी परिस्थिति में स्वाभिमान से समझौता करना इन्होंने स्वीकार नहीं किया। जानकार बताते है कि शुरू से ही सख्त तेवर के थे। उनके भाषण इतने जोशीले होते थे कि संवेदनाएं उमड़ने लगती थी। जब वो भाषण देते थे तो श्रोता परिसर में शांति छा जाती थी। इन्हें भी लंबे समय तक राजनीतिक संघर्ष के दौर से गुजरना पड़ा। 1985 से पहले तक इन्हें राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। मगर ये ना रुके और ना ही झूके और संघर्ष की जमीन पर सफलता का फूल तैयार किया। तीन दशक तक जमुई की राजनीति की एक धूरी बने रहे। पद से बड़ा अपना कद स्थापित किया। इनके निधन से जमुई की राजनीतिक में एक खाई बन गई, जिसे पाटना शायद ही संभव हो। भाईजी, सदा लोगों के दिल में भाई की तरह रहेंगे।


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