जिक्र शोहदा-ए-कर्बला का हुआ आयोजन
स्थानीय गड़ेरिया खंड मुहल्ले में तहरीक-ए- पैगाम इस्लाम जिला इकाई द्वारा जिक्र शोह ।
जहानाबाद । स्थानीय गड़ेरिया खंड मुहल्ले में तहरीक-ए- पैगाम इस्लाम जिला इकाई द्वारा जिक्र शोहदा-ए-कर्बला का आयोजन किया गया। यह देर रात तक जारी रहा। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ओलेमा एवं अकीदतमंद सरीक हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पीर-ए-तरीकत हजरत अलामा सैय्यद शाह रूकनउद्दीन असदक, सज्जादानशीं खानकाह वशीरीया अस्दकिया पीर बिगहा शरीफ नालंदा ने कहा कि हजरत इमाम की अजमतों को कम कर दिखाया जा रहा है। लेकिन हक तो यह है कि इमाम हुसैन शहीद होकर भी लोगों के दिलों में ¨जदा हैं।
इनकी अजमतों को सलाम है कि हक व वातील की जंग में अपने बहतर साथियों के साथ शहीद होना गंवारा किया लेकिन यजीद के हाथ पर वैत होना गंवारा नहीं किया। उन्होंने शहीद होकर इस्लाम के सत्य की राह को बचा लिया। मौके पर मौलाना सैय्यद माहिर असरफ मिस्बाही ने कहा कि मुहर्रम के नाम पर बहुत सारे गलत रस्म अपना लिया गया है। इसपर पाबंदी होनी चाहिए। इससे हजरत इमाम हुसैन की रूह कांप जाती होगी। उन्होंने कहा कि मुहर्रम पाक महीना है।
इसकी कद्र करें एवं हजरत इमाम हुसैन की कारनामों से सबक लें। इस मौके पर मौलाना अजहर खां, हबीबी मिस्बाही एवं रमीज रिजवी ने भी संबोधित किया। मौके पर नात व मनकबत मसहूर नात खां दानिश रजा फैजी, हाफिज इफ्तेखार जामीद अस्तक एवं कैफ अस्तक सहित आधे दर्जन से अधिक लोगों ने प्रस्तुति की जिसकी लोगों ने खुब दाद दी। इससे पहले हाफिज अफरोज आलम फैजी की र्कुआन पाक की तिलावत से मजलिश की शुरूआत हुई। कार्यक्रम का संचालन मौलाना महबूब आलम मिस्बाही ने की। सलात व सलाम और हजरत अल्लाम सैय्यद शाह रूकनुद्दीन अस्तक चिश्ती की खुशुशी दोआ के साथ हुआ। इस अवसर पर नप के उपाध्यक्ष मो कलामुद्दीन, मौलाना सरफराज,मौलाना रियाज अहमद कादरी, हाफिज असगर इमाम सहित कई लोग थे। इस कार्यक्रम का आयोजन लगभग 50 वर्षों से प्रो गुलाम अस्तक व भाईयों के सहयोग से किया जा रहा है।