श्रमिकों का काम बढ़ा, मजदूरी घटाया सरकार ने
जहानाबाद केंद्र सरकार लोक उपक्रमों को निजी और पूंजीपतियों को दे रही है। मजदूरों का काम बढ़ा दिया और मजदूरी घटाया है।
जहानाबाद : केंद्र सरकार लोक उपक्रमों को निजी और पूंजीपतियों को दे रही है। मजदूरों का काम बढ़ा दिया और मजदूरी घटाया है। यह आरोप आम हड़ताल के समर्थन में गुरुवार को केंद्रीय संयुक्त ट्रेड यूनियन के तत्वावधान में धरना प्रदर्शन के दौरान श्रमिक नेताओं ने लगाया है।
प्रदर्शन में आशा, रसोईया, आंगनबाड़ी, संविका कर्मी, इंटक, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ, राजद सहित विभिन्न संगठनों ने समर्थन दिया। कार्यक्रम का नेतृत्व संयोजक शिवशंकर प्रसाद ने किया। वहीं रसोईया, आशा, आंगनबाड़ी कर्मी, डाटा ऑपरेटर,संविदा कर्मी भी कार्यालय कार्य से अलग रहे। हड़ताली समर्थकों द्वारा उंटा रेलवे स्टेशन से रैली निकाला गया जो विभिन्न मार्गों से होते हुए समाहरणालय के समीप पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया। सभा को संबोधित करते हुए अफताब आलम कादरी ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार भ्रष्टाचार का बढ़ावा दे रही है। विकास के नाम पर जनता के अधिकार को छीना जा रहा है। देश की सार्वजनिक संपति पूंजीपतियों को दे रही है। यूनियन के संयोजक ने कहा कि मोदी सरकार देश में मजदूरों के लिए बने 44 कानूनों को चार श्रम कोड में बदलकर मजदूरों के जिदंगी के साथ धोखा देने का काम कर रही है। मजदूरों का मजदूरी घटा दिया गया और काम को बढ़ा दिया गया है। प्रदेश के सीएम ने प्रत्येक निबंधित मजदूरों के खाते में पोशाक राशि भेजने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक एक रुपये खाते में नहीं पहुंचा है। इलाज के लिए पैसा भी नहीं दिया गया। वहीं राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक जिला इकाई के तत्वावधान में आम हड़ताल के समर्थन में गांधी मैदान से समाहरणालय तक प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राजेश कुमार ने की। अध्यक्ष ने सरकार से निबंधित निर्माण मजूदरों को शिविर लगाकर ढाई हजार रूपए पोशाक की राशि भुगतान करने की मांग की। उन्होंने निजीकरण बंद करने, श्रम कार्यालय में भ्रष्टाचार पर रोक,मजदूरों का निबंधन प्रारंभ,ठेका प्रथा बंद करने की मांग की। उधर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ सचिव राम उदय कुमार के नेतृत्व में आम हड़ताल के समर्थन में धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए सचिव रामउदय कुमार ने कहा कि महंगाई चरम सीमा पर पहुंच गई है। किसान, मजदूर, कर्मचारी, शिक्षक आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। प्राशिसं के सचिव सत्येंद्र कुमार ने कहा कि सरकार श्रम कानूनों को संशोधन कर श्रमिकों का दोहर कर रही है। रसोईया संघ के सचिव पुनम कुमारी ने कहा कि रसोईयों को मात्र 15 सौ रुपये वेतन दिया जा रहा है। वह भी 10 महीने का ही मिलता है। आशा के मंत्री सुषमा कुमारी ने कहा कि सरकार द्वारा 2019 में तय किया गया एक हजार रूपए मासिक आज तक नहीं दिया गया। धरना प्रदर्शन में इंटक के भागीरथ खातुन, पुनम देवी, रामकृपाल मिस्त्री, विश्वनाथ कुमार, कमलेश दास,, कौशलेंद्र कुमार, शैलेश कुमार,गोप गुट के संजय कुमार, साजिद जया अंसारी,, उमेश कुमार, पिटु कुमार अकेला, शैलेंद्र कुमार,सीटू अध्यक्ष सुरेंद्र मिस्त्री, भूनेश्वर प्रसाद यादव,एडसो राजू कुमार,,सीपीआईसीएम दिनेश प्रसाद सहित कई लोग शामिल थे। इधर अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले हुलासगंज,मोदनगंज, घोसी तथा काको प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना दिया गया। इसका नेतृत्व जगदीश पासवान, राजनंदन यादव तथा शौकीन यादव ने किया। इस दौरान राज्य सचिव डॉ रामाधार सिंह ने अपना विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार किसान विरोधी कार्य कर रही है। उसपर से किसानों का विश्वास उठ गया है।