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जहानाबाद में अतिक्रमण से ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त

जहानाबाद। बड़े वाहनों का प्रवेश शहर के अंदर वर्जित है। बड़े वाहनों से प्रतिष्ठानों को सामग्री आपूर्ति के लिए रूट चार्ट का निर्माण किया गया था। इस चार्ट पर गाड़ियों को शहर के अंदर प्रवेश कराने के साथ-साथ सामग्री की अपलोडिग के बाद उसी रास्ते से वाहनों को जाने की भी व्यवस्था की गई थी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Nov 2021 11:08 PM (IST)Updated: Sun, 21 Nov 2021 11:08 PM (IST)
जहानाबाद में अतिक्रमण से ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त
जहानाबाद में अतिक्रमण से ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त

जहानाबाद। बड़े वाहनों का प्रवेश शहर के अंदर वर्जित है। बड़े वाहनों से प्रतिष्ठानों को सामग्री आपूर्ति के लिए रूट चार्ट का निर्माण किया गया था। इस चार्ट पर गाड़ियों को शहर के अंदर प्रवेश कराने के साथ-साथ सामग्री की अपलोडिग के बाद उसी रास्ते से वाहनों को जाने की भी व्यवस्था की गई थी। फिलहाल इसका कहीं भी कोई उपयोग नहीं हो रहा है। व्यवस्था चाहे जो भी हो लेकिन यहां की ट्रैफिक दुकानदारों की इच्छा से संचालित होती है। शहर में लोगों की मनमर्जी इस कदर चलती है कि जिस जगह चाहे वहां पार्किंग और अपलोड की व्यवस्था किया जा सकता है। छोटे-छोटे सामान को तो दूर की बात बास-बल्ले की लोडिग के लिए गाड़ियां खड़ी कर दी जाती है। इसके कारण सड़क से लेकर फुटपाथ तक अवरुद्ध हो जाता है। इस रास्ते से अधिकारियों की भी काफिला गुजरता है। जब साहब का गुजारना रहता है तब व्यवस्था से जुड़े ट्रैफिक पुलिस अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाते हैं और कुछ देर तक स्थिति को बेहतर बना देते हैं। अधिकारियों के जाने के बाद पहले की तरह है लोडिग और अपलोडिग का सिलसिला जारी हो जाता है। एक ओर बांस बल्ले की लोडिग होती है तो दूसरी ओर लोहे के उपकरण गाड़ियों पर लादे जाते रहते हैं। इस बीच दोनों किनारा फुटपाथ से लेकर सड़क तक अस्त व्यस्त रहता है। यह खेल शहर के हृदय स्थली माने जाने वाले अरवल मोड़ से चंद कदम दूर अस्पताल गेट के पहले होता रहता है। कुछ दूर पर ट्रैफिक पुलिस खड़े रहते हैं लेकिन उन लोगों द्वारा इस अव्यवस्था पर कुछ भी कहा नहीं जाता है। व्यवस्था कि लचर हालत में लोग फुटपाथ के बजाय सड़क पर चलने को मजबूर रहते हैं। लोग बचते हुए किसी तरह आगे बढ़ने को मजबूर रहते हैं। यह सिलसिला उस दिन भी संचालित रहता जिस दिन कुछ ही दूर पर वाहन जांच अभियान संचालित होता रहता है। यह था रूट चार्ट

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प्रशासन द्वारा मालवाहक वाहनों के लिए रूट चार्ट बनाए गए थे। इसके तहत गया की ओर से आने वाले वाहन गांधी मैदान तक आएंगे, जहां से छोटे वाहनों के माध्यम से शहर के अंदर समान पहुंचाए जाएंगे। उसी तरह अरवल की ओर आने वाले बड़े वाहन बाजार समिति तक और पटना से आने वाले वाहन शहर के पहले छोटे वाहनों को माल अपलोड कर देगा। यहां से छोटे वाहन के माध्यम से व्यवसायिक प्रतिष्ठानों तक सामान की आपूर्ति होगी। वर्तमान समय में इस नियम का कहीं भी कोई अनुपालन नहीं हो रहा कि। इसके कारण आए दिन शहर में बड़े वाहनों से दुर्घटनाएं हो रही कि जिस पर हंगामा भी होता है लेकिन अधिकारियों की नींद अभी भी इस नियम को अनुपालन को लेकर नहीं खुल पा रही है।


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