रोहिणी नक्षत्र शुरू, खेतीबाड़ी में जुटे किसान
खेती किसानी में नक्षत्र का विशेष महत्व माना गया है।
जागरण संवाददाता, जहानाबाद: खेती किसानी में नक्षत्र का विशेष महत्व माना गया है। 25 मई को रोहिणी नक्षत्र के आगमन होते हीं किसान खरीफ फसल बोने की तैयारी में जुट गए हैं। हाल के दिनों में बारिश होने के कारण खेतों में नमी भी बरकरार है। इससे बिचड़े बोने के लिए खेतों की जुताई आसान हो गई है।
किसानों के लिए रोहिणी नक्षत्र के 15 दिन किसी उत्सव से कम नहीं होता है। खेतों में नई फसल यानी धान का बिचड़ा डालने का काम प्रारंभ हो जाता है। मंगलवार को रोहिणी नक्षत्र शुरू होने के साथ ही किसान खेतीबाड़ी के काम में जुट गए हैं। रोहिणी नक्षत्र शुरू होते ही किसानों ने खेत की पूजा किया। किसानों की मानें तो भूमि पूजन के बाद खेतों की जोताई की जाएगी। इसके बाद उसमें पानी भर कर घास न जमने की दवा डाली जाएगी। करीब तीन दिनों के बाद खेतों की सतह को बराबर करने के बाद उसमें धान का बीज डाला जाएगा। इस दौरान किसान अपने घर में तरह-तरह के व्यंजन बनवाते हैं। अगात किस्म के धान का बिचड़ा डालने का रोहिणी नक्षत्र सबसे शुभ
माना जाता है। वैश्विक बीमारी कोरोना का खौफ भले ही जिदगी को प्रभावित किया हो,लेकिन प्रकृति पर आधारित खेतीबाड़ी अपने नियत समय से हीं चल रही है। 46 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित
इस वर्ष अच्छी वर्षा होने की संभावना है। कृषि विभाग द्वारा जिले में 46 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस संबंध में कृषि पदाधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि इसे लेकर 4600 हेक्टेयर क्षेत्र में बिचड़े की बुआई की जाएगी। उन्होंने बताया कि मक्का लगाने का लक्ष्य 1500 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। मडुआ अच्छादन का लक्ष्य 380 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। इसी तरह सभी तरह के दलहनी फसलों के अच्छादन का लक्ष्य 1255 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है। वहीं कुल तेलहनी फसल के अच्छादन का लक्ष्य 155 हेक्टेयर निर्धारित किया गया है।