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खेग्रामस के राष्ट्रीय सम्मेलन आज, होगा देश के 15 सौ प्रतिनिधियों का जुटान

जहानाबाद। स्थानीय गांधी मैदान 19 तथा 20 नवम्बर को आयोजित खेग्रामस के छठे राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी को लेकर पूरा शहर सज धज कर तैयार हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 12:18 AM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 12:18 AM (IST)
खेग्रामस के राष्ट्रीय सम्मेलन आज, होगा देश के 15 सौ प्रतिनिधियों का जुटान
खेग्रामस के राष्ट्रीय सम्मेलन आज, होगा देश के 15 सौ प्रतिनिधियों का जुटान

जहानाबाद। स्थानीय गांधी मैदान 19 तथा 20 नवम्बर को आयोजित खेग्रामस के छठे राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारी को लेकर पूरा शहर सज धज कर तैयार हो गया है। समारोह स्थल गांधी मैदान से लेकर जहानाबाद रेलवे स्टेशन तक पूरा एनएच 82 को लाल झंटे से पाट दिया गया है। सम्मेलन में आने वाले प्रतिनिधियों के सम्मान में जगह-जगह तोरण द्वार भी बनाए गए हैं। स्थानीय स्वामी सहजानंद संग्रहालय में रविवार को तैयारी की जानकारी देते हुए खेग्रामस के राष्ट्रीय महासचिव धीरेंद्र झा, माले के वरिष्ठ नेता महानंद और जिला सचिव श्रीनिवास शर्मा ने बताया कि इस सम्मेलन में 23 राज्यों के तकरीबन 15 सौ प्रतिनिधि भाग लेंगे। नेताओं ने बताया कि प्रतिनिधियों तथा अतिथियों का आगमन शुरु हो गया है।पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य तथा अर्थशास्त्री ज्यांद्रेज सोमवार को सबेरे यहां पहुंच जाएंगे। स्वदेश भट्टाचार्य तथा विधायक सत्यराम यहां पहुंच गए हैं। धीरेंद्र झा ने कहा कि जहानाबाद तथा अरवल जिले के लोगों ने अतिथियों की स्वागत की पूरी तैयारी की है। उन्होंने कहा कि सारे शहर को लाल झंटे से पाट दिया गया है। श्री झा ने कहा कि मोदी सरकार के साढ़े चार साल का शासन देश के लिए बोझ साबित हुआ। गांव के मजदूर तथा किसान कराह रहे हैं। ग्रामीण बेरोजगारी चरम पर है। उन्होंने कहा कि गरीबों तथा दलितों की भूमि और आवास को लेकर सम्मेलन में विस्तृत चर्चा होगी। देश के सभी भूमिहीनों, गृहविहीनों का राष्ट्रीय रजिस्टर बनाने और वास आवास को संवैधानिक अधिकार का दर्जा देने की मांग पूरजोर तरीके से उठाई जाएगी। बिहार सहित पूरे देश में गरीबों को उजाड़ने, जमीन से बेदखल करने के खिलाफ,आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त करने तथा सभी गरीबों के लिए राशन रोजगार तथा पेंशन की व्यवस्था करने की मांग की जाएगी। उन्होंने कहा कि खेग्रामस के 20 लाख सदस्यता के आधार पर यह सम्मेलन हो रहा है। इसमें चंपारण,

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दरभंगा, बेगुसरास, गया तथा पटना सहित पूरे देश में गरीबों, दलितों तथा अदिवासियों को चास बास से उजाड़ने की मुहिम के खिलाफ आंदोलनत्मक राजनीति पर चर्चा होगी। संगठन द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है कि हदबंदी की सीमा कम करते हुए भूमि सुधार लागू हो। बेतिया राज की जमींदारी का सरकार अधिग्रहण करे। नया बटाईदारी कानून बने, आवास के अधिकार का संवैधानिक दर्जा मिले तथा काले धन और काली संपति को जब्त करने को लेकर अधिकतम दो प्लॉट, दो जगहों पर मकान की सीमा निर्धारित करने को लेकर कानून बनें। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में बिहार के अलावा यूपी,झारखंड,आंद्रप्रदेश, तेलांगना, तमिलनाडू, पांडिचेरी, कारवी व्हील ट्राईप्स, असम,त्रिपुरा,गुजरात,महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, छतीसग्रढ़, दिल्ली, जम्मु आदि राज्यों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। उन्होने कहा कि गांधी मैदान की रैली के बाद सम्मेलन आरंभ होगा। जहानाबाद, अरवल के लोकप्रिय नेता शाहचांद के नाम पर पूरे इलाके का नामकरण किया गया है। विरेंद्र विद्रोही के नाम पर सभागार और मंजू देवी के नाम पर मंच का नामकरण किया गया है।


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