उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व छठ संपन्न
जहानाबाद। चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन शनिवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किए जाने के उपरांत संपन्न हो गया। इससे पूर्व जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में नदी तट घाट पोखरों तथा तालाबों पर हजारों की संख्या में उमडे़ व्रतधारियों ने सूर्योदय के समय भगवान भाष्कर को नमन किया। इस दरम्यान नजारा देखते ही बन रहा था। हर ओर छठी मईया के गीत गुंजायमान हो रहे थे।
जहानाबाद। चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन शनिवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किए जाने के उपरांत संपन्न हो गया। इससे पूर्व जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में नदी तट, घाट पोखरों तथा तालाबों पर हजारों की संख्या में उमडे़ व्रतधारियों ने सूर्योदय के समय भगवान भाष्कर को नमन किया। इस दरम्यान नजारा देखते ही बन रहा था। हर ओर छठी मईया के गीत गुंजायमान हो रहे थे। जिला मुख्यालय स्थित संगम घाट ,सोईया घाट, श्याम घाट, निजामुद्दीनपुर, दक्षिणी सूर्यमंदिर, काको सूर्यमंदिर, बभना, कनौदी, जहांगीरपुर समेत कई घाटों पर हजारों की संख्या में व्रतधारियों का हुजूम पूजा अर्चना को लेकर उमड़ पड़ी थी। वहीं घाटों पर स्नान करने के उपरांत अर्घ्य देने का सिलसिला सूर्योदय के पहले से ही शुरु हुआ। इससे पूर्व व्रतधारी अहले सुबह पूजा अर्चना को लेकर नजदीक स्थित घाटों की ओर कूच करते देखे गये। सूर्योदय होने से पूर्व हीं पूरा संगम घाट खचाखच भर चुका था। लोग भगवान भाष्कर के उदीयमान होने का इंतजार कर रहे थे। छठ अनुष्ठान के तीसरे दिन व्रतधारियों ने भगवान भाष्कर के अस्ताचलगामी स्वरुप को अर्घ्य अर्पित किया। अर्घ्य देने को लेकर व्रतधारियों के अलावा उनके साथ आये परिजनों में विशेष उत्साह दिख रहा था। लोग बैंड बाजों के साथ अर्घ्य देने को लेकर घाट की ओर जाते देखे गये। वहीं महिलाएं छठी मईया के गीत गाती देखी गयी। इस तरह दोनों दिन पूरा वातावरण छठमय बना रहा। उदीयमान सूर्य के अर्घ्य के उपरांत चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन हो गया। इधर हुलासगंज प्रखंड के सुकियावां, मलहचक, बिहटा,मुरगांव समेत कई घाटों पर श्रद्धालुओं ने उदीयमान भगवान भाष्कर को अर्पित कर चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन किया। इस अवसर पर उतिमपुर सूर्यमंदिर परिसर में भक्तिमय भजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रतनी फरीदपुर, प्रखंड के उचिटा, सेसंबा, नारायणपुर, रघुनाथगंज, पंडौल, पतियावां तथा मांदिल आदि जगहों पर बड़ी संख्या में व्रतधारियों ने अर्घ्य अर्पित किया। मांदिल में भी श्रद्धालुओं द्वारा व्रतधारियों के लिए चाय का इंतजाम किया गया था।