कारागार की सजा से बुरा बागबानों के लिए कोषागार
जहानाबाद । पुलिस की नौकरी में थे तो कारागार की भी व्यवस्था देखे थे।
जहानाबाद । पुलिस की नौकरी में थे तो कारागार की भी व्यवस्था देखे थे। बुढ़ापे में कोषागार देख रहे हैं। कारागार की सजा से भी बुरा है कोषागार की व्यवस्था। अपने वेतन का पैसा और पेंशन के लिए बुजुर्गो को इतना दौड़ना पड़ता है कि हिम्मत जवाब दे दिया है। जहानाबाद कोषागार में दैनिक जागरण की टीम के समक्ष ऑन द स्पॉट कार्यक्रम के दौरान इसी तरह का दर्द बुजुर्गो को छकलकर सामने आया।
समय -सुबह के 10.00 बजे।
सफाई कर्मी मनीष कोषागार कार्यालय में फर्स की सफाई कर रहा है। एक कर्मी कार्यालय के बाहर मूर्ति की पूजा कर रहा था। पूजा के बाद कर्मी कार्यालय के अंदर चला गया। कार्यालय के मुख्य द्वार पर सफाईकर्मी चेताया -अभी पोछा लगाए हैं। सूखने पर अंदर जाइएगा। गेट पर सभी ठिठक गए। अंदर जाने से मना कर दिया कि अभी फर्स भींगा हुआ है। पेंशन की दरकार वाले लोग अपनी समस्या लेकर बाहर खड़े थे क्योंकि बैठने के लिए कोई इंतजाम नहीं है।
समय -10.10 बजे।
वरीय कोषागार पदाधिकारी की कार्यालय में इंट्री होती है। उनकी नजर कार्यालय के बाहर इंतजार करने वालों पड़ गई। चलते-चलते पूछा कोई काम है? हालचाल पूछते हुए अंदर चले जाते हैं। साहब के प्रवेश करते ही फाइल उनके टेबुल पर पहुंचने लगा। साहब फाइल निपटाने में व्यस्त हो जाते हैं। समय -10.20 बजे।
पुलिस अवर निरीक्षक के पद से सेवा निवृत हो चुके मिथिलेश प्रसाद से मुलाकात होती है। कहते हैं पुलिस की नौकरी में थाना, कोर्ट-कचहरी और जेल की व्यवस्था को करीब से देखा। कहते हैं सितंबर 2020 में सेवानिवृत हो गए। अबतक उनका पेंशन नहीं शुरू हुआ है। अनिल कुमार कहते हैं कि तीन बार कोषागार कार्यालय आ चुके हैं। अभी तक मेरा पेंशन चालू नहीं हो सका। पेंशन के लिए जो भी कागजात मांगा गया था वह जमा कर दिए हैं। देखिए आज साहब का क्या आदेश होता है।
समय - 11.00 बजे।
कोषागार में पशुपालन विभाग से दिसंबर 2020 में सेवानिवृत हुए कर्मी अनिल कुमार पहुंचते हैं। तीन माह में पेंशन शुरू नहीं होने का कारण पता लगाने आए हैं। अभी कागजात जमा नहीं हुआ था। इनका भरोसा कार्यालय पर टिकी हुई थी। यह अश्वस्त थे कि कागजात जमा करते ही पेंशन प्रारंभ हो जाएगा। अब तो प्रक्रिया में आने के बाद ही कुछ अपनी मंतव्य दे पाएंगे।
समय - 11.20 बजे।
भोजपुर जिले कें संदेश थाना क्षेत्र में एक गांव है- फुलाड़ी। हम ओहिजे के बानी। नाम बा लोकनाथ शर्मा। पीएसइडी में कार्यपालक अभियंता रहीं। जहानाबाद जिला से एक साल पहिले 31 जनवरी 2020 के सेवानिवृत हो गइलीं। हमार पैर में बीमारी भइल बा। उठे-बइठे से दिक्कत होला। अब उमरियो तो 61 साल हो गईल बा। बबुआ का कहीं दिल के हाल- भोजपुर जिला से कागजात जमा करे कम से कम 10 बार आ चुकलीं। कभी ई कभी उ कागजात देत थक हार गईलीं। आपन पैर पर खड़ा नइखे होखात। केहु के सहारे उठत-बइठत भोजपुर जिला से आवत-जात बानी। साथ में बेटा बाड़े। बबुआ साहब से मिले गइल बा। एक पेड़ के सहारे खड़े लोकनाथ शर्मा का पांव कांप रहा था लेकिन यहां की व्यवस्था का दिल नहीं पसीज पाता।
------------