जहानाबाद में लहलहाने लगी काला चावल व गेहूं की खेती
संवाद सहयोगी रतनी फरीदपुर चावल की तमाम किस्में आपने देखी होंगी। खाई भी होंगी। अधिकां

संवाद सहयोगी, रतनी फरीदपुर :
चावल की तमाम किस्में आपने देखी होंगी। खाई भी होंगी। अधिकांश किसान सफेद रंग के चावल की ही पैदावार करते हैं। पर अब यहां लीक से हटकर काले चावल और गेहूं की खेती भी शुरू हो गई है। इस खेती से जुड़कर किसान अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। बाजार में भी काले चावल व गेहूं की मांग बढ़ गई है। ब्लैक राइस शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के लिए बेहद कारगर माना जाता है। रतनी फरीदपुर प्रखंड के पत्तियांवा गांव में काले चावल और गेहूं की पैकेजिग के लिए प्लांट का निर्माण भी किया गया है। भेजीटो कार्ड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इसका संचालन करती है। कंपनी के डायरेक्टर रूद्रेश शर्मा ने बताया कि कंपनी की ओर से किसानों को बीज उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही उपज होने पर अच्छी दर पर धान व गेहूं की खरीद भी कर ली जाती है। किसानों को बाजार में जाकर बेचने की परेशानी नहीं उठानी पड़ती है। काले धान की फसल कम पानी में उपजती है और यह बिना यूरिया खाद के अच्छी उपज देती है। काले गेहूं की उपज दर काफी अच्छी है। जिले में चालीस किसानों ने जुड़कर दस एकड़ में खेती की शुरुआत की थी। वर्तमान में एक हजार किसान इस खेती से जुड़े हुए हैं। लगभग दो हजार एकड़ में काला धान और गेहूं की खेती की जा रही है। किसान अशोक शर्मा, अनिल शर्मा, विकास शर्मा, सलेमपुर के बाबू शर्मा, पूजन दास आदि लोगों का कहना है कि काले गेहूं और धान की उपज कम लागत में ज्यादा आमदनी देती है। इस वजह से जिले के किसानों में काले चावल की खेती में रूझान बढ़ा है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं। कुछ नया करने के चलते भी कई किसानों ने अपने खेतों में इसकी बुआई की हैं।
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