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शहर का ड्रेनेज सिस्टम फेल, कई मोहल्लों में जलजमाव

शहर में ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। इसको लेकर दो साल पहले तीन करोड़ की लागत से अलगना नाले का जीर्णोद्धार कराया गया। इसके अलावा कई नाले की सफाई में करोड़ों रुपये खर्च होते रहे। लेकिन स्थिति में कोई खास फर्क नहीं आया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 10:54 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 10:54 PM (IST)
शहर का ड्रेनेज सिस्टम फेल, कई मोहल्लों में जलजमाव
शहर का ड्रेनेज सिस्टम फेल, कई मोहल्लों में जलजमाव

जागरण संवाददाता, जहानाबाद :

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शहर में ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। इसको लेकर दो साल पहले तीन करोड़ की लागत से अलगना नाले का जीर्णोद्धार कराया गया। इसके अलावा कई नाले की सफाई में करोड़ों रुपये खर्च होते रहे। लेकिन स्थिति में कोई खास फर्क नहीं आया। बरसात का मौसम तो दूर की बात यहां जेठ के महीने में भी कई मोहल्लों की गलियां नालियों के पानी से पटी रहती है। बजबजाते नालियों के कारण लोग बदबूदार माहौल से परेशान रहते हैं। शहर के मौर्य नगर मोहल्ले की बात करें या रामानंद कालोनी की, यहां सभी मौसम में घरों के बाहर नालियों का पानी जमा रहता है। बरसात में घुटने भर नालियों के पानी से होकर लोगों को आना जाना पड़ता है। नालियों से ऊंचा बना है नाला कैसे निकलेगा पानी मोहल्ले से नालियों का पानी बड़े नाले में गिरता है। लेकिन कई मुहल्लों में नाले का निर्माण नालियों से काफी ऊंचाई पर कर दिया गया है। घरों का पानी नालियों के माध्यम से बाहर तो निकलता है लेकिन नाले तक नहीं पहुंच पाता। परिणाम स्वरूप नाली का पानी ओवरफ्लो होकर गलियों में फैल जाता है। नगर परिषद सिर्फ नाले- नालियों को साफ कर अपने कर्तव्यों से छुटकारा पा ले रही है। यदि नाले की ऊंचाई नालियों के लेवल में या उससे कम कर दिया जाता तो यह समस्या हमेशा के लिए ही समाप्त हो जाती। लेकिन केवल नालियों की सफाई कर पैसे की बर्बादी की जा रही है। इससे मात्र एक -दो दिन तक ही लोगों को थोड़ी राहत मिल पाती है। फिर नाली ओवरफ्लो हो जाता है और वही स्थिति कायम हो जाती है। प्रतिदिन फेंके जा रहे नालियों में प्लास्टिक व्यवसायिक प्रतिष्ठान वाले मोहल्लों में नालियों का जाम होने के पीछे प्लास्टिक सबसे बड़ा कारण है। दुकानदार तथा ग्राहक से लेकर मोहल्ले वासी तक प्लास्टिक जनित सामग्रियों को नालियों में फेंक दे रहें हैं। जिसके कारण नालियां जाम हो जा रही है और उसका पानी गलियों में फैल रहा है। मकान बनाते समय जल निकासी पर नहीं दिया जा रहा ध्यान लगातार शहर में नए- नए मकान बनाए जा रहे हैं। काफी महंगे जमीन होने के कारण लोग एक-एक इंच भूमि को मकान के दायरे में लाना चाहते हैं। जिससे आलीशान मकान तो तैयार हो जाता है लेकिन जल निकासी के लिए पर्याप्त जगह नहीं निकल पाता है जहां से नाले नालियों का निर्माण कराया जा सके। इधर हाल के दिनों में कुछ मोहल्लों में नए मकानों का काफी विस्तार हुआ है। आधुनिक तरीके से आलीशान मकान बने हैं लेकिन जलजमाव पूरी सुंदरता पर पानी फेर दे रहा है। आलीशान घर से बाहर निकलते ही नालियों के पानी से होकर गुजरना पड़ता है। यदी मकान बनाते समय लोग सचेत रहते तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती। नगर परिषद से किसी तरह मकान का नक्शा पास करा लिया जाता है। नक्शा पास करने वाले लोग भी स्थल निरीक्षण नहीं करते हैं। परिणामस्वरूप जलजमाव की समस्या नए मोहल्लों में बढ़ती जा रही है।


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