कोरोना को हराने का जुनून, धूप में तप रहे टीका को
जहानाबाद । कोरोना को हराने के लिए चैत की धूप में लोग तप रहे हैं।
जहानाबाद । कोरोना को हराने के लिए चैत की धूप में लोग तप रहे हैं। टीका लगाने का जुनून में लंबी कतार लग रही है। वैक्सीन के लिए लोग अपनी बारी का इंतजार बेसब्री से कर रहे थे। फ्रंटलाइन वर्कर के बाद बागबानों को टीका लगा दिया गया। गुरुवार से अप्रैल से 45 वर्ष से ऊपर आयु वर्ग के लोगों की बारी आ गई। सदर अस्पताल परिसर में अवस्थित वैक्सीनेशन सेंटर जीएनएम कॉलेज में लोगों का रजिस्ट्रेशन के तुरंत टीका भी लगाया जा रहा था। लोग पंजीयन के लिए अपने साथ आधार कार्ड लेकर पहुंचे थे। आधार कार्ड से मिलान के बाद टीकाकरण को लेकर स्लिप दिया जाता है। लोगों की भीड़ के कारण महिला पुरुष के लिए अलग-अलग काउंटर बनाए गए हैं। लेकिन बैठने के लिए चंद कुर्सियां हीं उपलब्ध हैं।
समय 12 बजे
टीकाकरण को ले पंजीयन के लिए लोग काउंटर पर खड़े थे। धीरे-धीरे कतार लंबी होती जा रही थी। तीखी धूप के कारण पुरुष जहां गमछे से वहीं महिलाएं साड़ी की पल्लू से चेहरे को ढकने की कोशिश कर रहे थे। कतार में खड़े होरिल गंज निवासी विपिन सिंह व्यवस्था से नाराज थे। उनका कहना था कि सरकार जब इतनी व्यवस्था कर रही है तो कम से कम इस स्थान पर तिरपाल लगा होना चाहिए था ताकि लोग आराम से खड़े रह सकते थे। राजाबाजार से आई संजू देवी वैक्सीनेशन को लेकर उत्साहित तो थी लेकिन गर्मी व धूप से वह भी परेशान हो रही थी। नया टोला की रूबी अपने साथ लाए हुए पानी की बोतल से बार-बार पानी पी रही थी। उसका कहना था कि तकरीबन आधे घंटे से कतार में खड़ी हूं। गर्मी से हाल बेहाल हो रहा है।
समय 12:30 बजे
टीका लगवा कर बाहर निकल रहे दौलतपुर निवासी रामदेव सिंह काफी प्रसन्न नजर आ रहे थे। उनका कहना था कि यह आम सुई से भी आसान है। किसी प्रकार की कोई दर्द पीड़ा नहीं हुई। खत्री टोला निवासी अभिमन्यु ने बताया कि उसी समय से टीका लगवाने का इंतजार कर रहे थे, जब यह आया था। अब फिर कोरोना संक्रमण बढ़ने लगा है। ऐसे में टीका युक्त होकर अपने और अपने परिवार की सुरक्षा अब कर सकेंगे।
समय 1 : 00
वैक्सीनेशन का कार्य तेजी से हो रहा था। प्रतिनियुक्त कर्मियों ने बताया कि अब तक 750 लोगों को टीका लगाया जा चुका है। टीका लगाने के बाद लाभुक को आधे घंटे तक प्रतिरक्षण कक्ष में रहना है। लेकिन अधिकांश लोग टीका लगाने के बाद सीधे केंद्र से बाहर निकल रहे थे। हालांकि कुछ लोग स्वेच्छा से रुक जरूर रहे थे। लेकिन वैक्सीनेशन के गाइडलाइन के तहत लाभुक को प्रतिरक्षण में आधे घंटे तक रहने की सलाह तथा दबाव बनाया नहीं जा रहा था।