Jahanabad News: 6 साल के मासूम की निर्मम हत्या, अस्पताल में नहीं मिली एंबुलेंस; दादा कंधे पर शव उठाकर ले गए पोस्टमार्टम हाउस
जहानाबाद जिले में छह साल के मासूम की निर्मम हत्या कर दी गई। डॉक्टर द्वारा मृत घोषित किए जाने के बाद मृतक के दादा ने अस्पताल परिसर में एंबुलेंस खोजना शुरू कर दिया लेकिन उन्हें एक भी एंबुलेंस मिली। इसके बाद दादा ने अपने पोते को गोद में लिया और गमछी से ढक कर पैदल ही पोस्टमार्टम हाउस की तरफ निकल पड़े।
जागरण संवाददाता, जहानाबाद। कुर्था के छह वर्षीय मासूम सिंटू की देर रात हत्या बाद उसका शव अरवल सदर अस्पताल लाया गया था, जहां से कागजी प्रक्रिया बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने को कह दिया गया। सिंटू के दादा महेंद्र यादव शव लेकर बाहर आए, अस्पताल परिसर में एंबुलेंस नहीं मिली।
पोते को गोद में उठाए और गमछी से ढक कर पैदल ही पोस्टमार्टम हाउस की तरफ निकल गए। गमछी मासूम के खून से सना था, दादा के आंसू थम नहीं रहे थे। यह दृश्य देख वहां मौजूद हर किसी की आंखें भींग गई, सिवाय स्वास्थ्य कर्मियों के। यह वीडियो व तस्वीर सामने आई तो मामले ने तूल पकड़ा।
डीएम ने दिया जांच का आदेश
डीएम वर्षा सिंह ने जांच के आदेश दे दिए। जिला प्रशासन की टीम सदर अस्पताल पहुंची और गंभीरता से मामले की जांच की। जांच टीम ने बताया कि सरकारी अस्पताल में मिलने वाली सुविधा से मृतक के स्वजन को वंचित किया गया है इस प्रकार की तस्वीर सामने आई है, जिस पर जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।
टीम ने सिविल सर्जन और वहां तैनात कई कर्मियों से भी पूछताछ की। मामला तूल पकड़ने पर मासूम के शव को पोस्टमार्टम हाउस से गांव ले जाने के लिए शवदाह वाहन उपलब्ध कराया गया।
साढ़े पांच लाख रुपये पुलिस ने किया जब्त
अरवल में लोकसभा चुनाव में शांति विधि व्यवस्था संधारण को लेकर जिले में जांच अभियान शुरू है। बुधवार को मजिस्ट्रेट द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 139 के समीप से गुजरने वाली अहियापुर सोन नहर की रोड पर जांच अभियान चलाया जा रहा था। जांच के दौरान पुलिस ने एक बाइक को तलाशी ली तो साढ़े पांच लाख रुपये मिले।
मजिस्ट्रेट के द्वारा पैसे के बारे में जानकारी मांगी गई तो चालक द्वारा कुछ भी जवाब देने से इनकार कर दिया। जब्त पैसा को नगर थाने की पुलिस ने अंचलाधिकारी को सौंप दिया है। अंचलाधिकारी ने बताया कि बैदराबाद निवासी व्यवसायी इंद्र साव ने पैसा को व्यवसाय के रूप में उपयोग करने की बात स्वीकार किया है।
उनकी बात से मजिस्ट्रेट के द्वारा संतुष्टि नहीं होने के उपरांत फिलहाल राशि को सुरक्षित रख दी गई है। पैसा यहां तक कैसे पहुंची उसकी जानकारी को लेकर उन्हें बुलाया गया है।
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