एपीपी हत्याकांड में जिप के पूर्व अध्यक्ष सहित चार दोषी
जहानाबाद। पटना के व्यवहार न्यायालय स्थित त्वरित न्यायालय दो के न्यायाधीश अब्दुल सलाम के न्यायालय ने अपर लोक अभियोजक दीनदयाल यादव की हत्या के सिलसिले में सुनवाई पूरी करते हुए जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र यादव सहित चार लोगों को दोषी करार दिया है।
जहानाबाद। पटना के व्यवहार न्यायालय स्थित त्वरित न्यायालय दो के न्यायाधीश अब्दुल सलाम के न्यायालय ने अपर लोक अभियोजक दीनदयाल यादव की हत्या के सिलसिले में सुनवाई पूरी करते हुए जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष सत्येंद्र यादव सहित चार लोगों को दोषी करार दिया है। न्यायालय द्वारा इस बहुचर्चित हत्याकांड में सजा की सुनवाई के लिए सात दिसंबर की तिथि निर्धारित की है। इस मामले की सुनवाई 11 साल बाद पूरी हुई। जब मखदुमपुर प्रखंड के मीराबिगहा निवासी एपीपी दीनदयाल यादव की हत्या हुई थी तो न सिर्फ व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं में बल्कि पूरे जिलेवासियों में रोष व्याप्त हो गया था। पुलिस प्रशासन के लिए यह मामला चुनौती बन गया था। तत्कालीन एसपी शाहरूख मजिद ने इस मामले को गंभीरता से लिया था और खुद अपने सहयोगियों के साथ इसके उछ्वेदन में जुट गए थे। हालांकि इस मामले में उनके पुत्र झूलन यादव के बयान के आधार पर मां कमला चंद्रिका जी ग्रूप आफ कॉलेजेज के चेयरमैन प्रो चंद्रिका प्रसाद यादव, उनके भाई सत्येंद्र यादव तथा पुत्र संजय कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। सड़क पर दोषी लोगों की गिरफ्तारी के लिए नारे लग रहे थे। एसपी ने एक महीने के भीतर इस मामले का उछ्वेदन किया। इस सिलसिले में भेलावर ओपी क्षेत्र के रामदानी निवासी बलबीर यादव, अजय गोप तथा दिनेश यादव को पकड़ा गया। उनलोगों ने अपना दोष कबूल किया और कहा कि जिप के पूर्व अध्यक्ष व घोसी थाना क्षेत्र के लखावर निवासी सत्येंद्र यादव ने उनलोगों से इस घटना को अंजाम दिलाया था। उनलोगों ने यह भी कहा कि जिला परिषद कार्यालय में ही उनलोगों को दीनदयाल यादव का पहचान कराया गया था। इस मामले का उछ्वेदन होते ही चंद्रिका यादव और उनके परिवार के लोगों ने राहत की सांस ली थी। अपर लोक अभियोजक मो ग्यासुद्दीन ने बताया कि न्यायालय द्वारा सत्येंद्र यादव, बलबीर यादव, अजय गोप तथा दिनेश यादव को दोषी करार देते हुए सभी लोगों को जेल भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में न्यायालय में 11 गवाह पेश हुए थे। अनुसंधानकर्ता से लेकर चिकित्सक तक की गवाही हुई थी। उन्होंने बताया कि इस मामले के अन्य अभियुक्त अशोक शर्मा अब भी फरार है। यही कारण है कि उसके केस रिकार्ड
को अलग कर इन चार अभियुक्तों की सुनवाई पूरी हुई।