कल्पना पटवारी और डॉ नीतु कुमारी नवगीत ने की लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति
जहानाबाद। वाणावर महोत्सव के दौरान कई प्रसिद्ध गायिका ने ऐसा समा बांधा कि वहां मौजूद लोग झूमने को मजबूर हो गए।
जहानाबाद। वाणावर महोत्सव के दौरान कई प्रसिद्ध गायिका ने ऐसा समा बांधा कि वहां मौजूद लोग झूमने को मजबूर हो गए। बालीबुड की प्रसिद्ध गायिका कल्पना पटवारी और बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतु कुमारी नवगीत ने भक्तिगीतों तथा पारंपरिक लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति कर दर्शकों का मन मोह लिया। कल्पना पटवारी के गीतों पर दर्शक देर तक झूमते रहे। हमसे भंगिया न पिसाई ए गणेश के पापा की प्रस्तुति पर वहां मौजूद लोग झूम उठे। नीतु कुमारी नवगीत ने बिहार के पारंपरिक गीतों पर लोगों को खूब झूमाया। उन्होंने विद्यापति रचित जय-जय भैरवि के माध्यम से मां दुर्गा की अराधना की उसके बाद राम और सीता जी के प्रथम मिलन पर आधारित गीत रामजी को जनकनंदनी, बाग में बस खड़ी की खड़ी रह गई पेश की। उन्होंने पिपरा के पतवा, फूनूगिया डोले रे ननदी, वैसे डोले जियरा हमार झूमर और अभियान गीत हमारे देश में बिटिया का मान हो भी पेश किया उनके साथ हारमोनियम पर राकेश कुमार, राजन कुमार प्रथम ने कैसिओ तथा राजन कुमार द्वितीय ने तबला और भोला कुमार ने नाल पर संगत किया ।