रात की नींद में खलल डाल रही बिजली, घंटों आपूर्ति बाधित, पनप रहा आक्रोश
पूरे दिन काम धंधे से थके हारे लोग रात में चैन की नींद सोना चाहते हैं। लेकिन कुछ दिनों से बिजली विभाग इसमें खलल डाल रहा है।
जागरण संवाददाता, जहानाबाद:
पूरे दिन काम धंधे से थके हारे लोग रात में चैन की नींद सोना चाहते हैं। लेकिन कुछ दिनों से बिजली विभाग इसमें खलल डाल रहा है। इसके चलते लोगों में बिजली विभाग के प्रति आक्रोश पनप रहा है। जिस समय बिस्तर पर आराम फरमाने का समय होता है बिजली गुल हो जाती है। इसी तरह बिजली आने-जाने का सिलसिला मध्य रात्रि तक जारी रहता है। गर्मी से व्याकुल लोग कभी छत पर तो कभी बालकोनी में बिजली आने का इंतजार करते हैं। लेकिन इसके बाद भी यह सुनिश्चित नहीं रहता है कि बिजली कब आएगी और कब तक रहेगी। इस हालात में बीमार, बुजुर्गों और बच्चों का हाल और भी बेहाल है। फोन कर पूछने पर विभाग के कर्मियों से लेकर अधिकारियों का एक ही जवाब रहता है कि कुछ तकनीकी फॉल्ट है थोड़ी देर में बिजली आ जाएगी। बिजली के इस अघोषित कटौती का सीधा असर लोगों की सेहत पड़ने लगा है। रात में लोगों की नींद पूरी नहीं हो रही। सुबह से काम की भागदौड़ शुरू हो जाती है। शहर के अधिकांश निजी विद्यालयों में मॉर्निंग सत्र में ही कक्षाएं संचालित होती हैं। बच्चे बिजली की आंख मिचौली के कारण मध्य रात्रि तक सो नहीं पाते। सुबह जागकर स्कूल के लिए तैयार होना मासूमों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं है। शहर के बड़ी संगत निवासी राम विनय शर्मा का कहना है कि रविवार की रात काफी देर तक बिजली गुल रहने के कारण सोमवार की सुबह बच्चे स्कूल नहीं जा सके। प्रमिला देवी ने बताया कि लगातार बिजली कटते रहने के कारण रात में दो बजे सो पाते हैं। सुबह उठकर बच्चों के लिए लंच बनाना काफी कठिन हो रहा है। 80 मेगावाट बिजली आपूर्ति का दावा कर रहा विभाग बिजली की अघोषित कटौती से लोग हलकान परेशान हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी इसे स्वीकार भी नहीं कर रहे हैं। विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता सुनील कुमार पहले की तरह ही जिले में 80 मेगावाट बिजली आपूर्ति बहाल रहने की बात कह रहे हैं। लेकिन जिस तरह से बिजली में कटौती हो रही है उससे 50 मेगावाट से कम आपूर्ति वर्तमान समय में होता प्रतीत हो रहा है। हालात यह है कि जिस दिन ज्यादा गर्मी रहती है उस दिन ज्यादा कटौती होती है। यानी बिजली विभाग लोगों से ससमय बिल तो जरूर ले रहा है लेकिन जरूरत पर आपूर्ति बढ़ाने की बजाय और घट रही है। लगातार दो घंटे तक स्थाई रूप से नहीं रह रही बिजली बिजली की निर्बाध आपूर्ति का दावा विभाग करता है लेकिन शहर में कभी भी दो घंटे तक स्थाई रूप से बिजली नहीं रह रही है। ऐसे में एक और जहां बिल के भुगतान नहीं करने पर कई गांव की बिजली काटी जा रही है वहीं शहरवासी बिजली बिल चुकता करने के बावजूद भी गर्मी में त्रस्त हो रहे हैं।
दिन में तो लोग किसी तरह उमस भरी गर्मी को झेल ले रहे हैं लेकिन रात्रि में यह संभव नहीं हो रहा।