दहलीज से निकलकर सपनों को उड़ान देने में जुटीं हैं बेटियां
जहानाबाद मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता ह
जहानाबाद : मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। ऐसे ही हौंसलों के साथ इन दिनों जिले की बेटियां मुकाम पाने में जुटी हैं। कड़ाके की ठंड में जब लोग घर की रजाई में दुबके रहते हैं तो उस समय मुख्यालय सहित आसपास के गांवों की दर्जनों बेटियां गांधी मैदान पहुंचकर मंजिल पाने की जद्दोजहद करने में जुट जाती हैं। कड़ौना गांव की अंचला कुमारी ने बतायी कि गांव की कई लड़कियों के साथ पिछले कई महीनों से सुबह-शाम गांधी मैदान पहुंच रही हूं। यहां आने वाली मेरी जैसी अधिकांश लड़कियों का सपना पुलिस या सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करने का है। इसके लिए हर दिन पसीना बहाती हूं। शानू, उर्वशी, अंशु, माही, सोनाली, प्रियंका, सुरभि, लवली, शिल्पा जैसी कई लड़कियों का यही कहना था। ये सभी बिहार पुलिस के लिए फिजिकल की तैयारी कर रही हैं। बाजार टोली से आने वाली स्मृति कुमारी ने बतायी कि घर-परिवार का भी भरपूर स्पोर्ट मिल रहा है। मम्मी सुबह पांच बजे ही उठा देती हैं। छह बजे तक मैदान में पहुंच जाती हूं। यहां आने के बाद तीन घंटे तक दौड़, गोला फेंक, हाई जंप और लौंग जंप के अभ्यास में जुट जाती हूं। सोनल कुमारी अपनी बड़ी बहन के साथ आती हैं। बड़ी बहन ने बतायी कि वह खुद बिहार पुलिस में कार्यरत हैं और चाहती हैं कि उसकी छोटी बहन भी पुलिस सेवा में आए। ताकि छोटी बहन का भविष्य भी संवर सके। इसकी तैयारी के लिए वह भी पांच महीने से साथ में सुबह मैदान पर पहुंच जाती है। कोच ज्योतिष कुमार ने बताया कि गांधी मैदान में प्रैक्टिस कर दर्जनों लड़कियां अबतक बिहार पुलिस की नौकरी ज्वाइन कर चुकी हैं। यहां हर दिन लड़कियां उमंग और उल्लास के साथ तैयारी करने पहुंचती हैं, जो निश्चित रूप से इन्हें मंजिल तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करेगा।