Move to Jagran APP

जमीन के अभाव में रुका है 20 स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण

जहानाबाद राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार कर इसका लाभ जन-जन को पहुंचाना चाहती है। पर अधिकारी मुख्यमंत्री की सोच में कदम से कदम मिलाकर नहीं चल पा रहे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 15 May 2022 11:01 PM (IST)Updated: Sun, 15 May 2022 11:01 PM (IST)
जमीन के अभाव में रुका है 20 स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण

जहानाबाद : राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार कर इसका लाभ जन-जन को पहुंचाना चाहती है। पर अधिकारी मुख्यमंत्री की सोच में कदम से कदम मिलाकर नहीं चल पा रहे। यही वजह होगी कि जिले में 15 वैलनेस सेंटर, तीन पीएचसी तथा दो सीएचसी का निर्माण आज तक शुरू नहीं हो सका। कोरोना काल में उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 अगस्त 2021 को इन भवनों के निर्माण को लेकर पटना से ही रिमोट कंट्रोल के माध्यम से आधारशिला रखी थी। इस योजना पर तीस करोड़ 29 लाख 97 हजार 247 रुपये खर्च होने थे। पूरी प्रक्रिया एजेंसी के तहत संचालित की जानी थी। संविदा निकाली गई। हद तो तब हो गई जब संविदा बाद कार्यस्थल पर पर्याप्त जमीन ही नहीं मिली। इतना ही नहीं,

loksabha election banner

रतनी फरीदपुर प्रखंड के लाखापुर में जिस स्थान पर स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण होना था, उसका नक्शा तक उपलब्ध नहीं हो सका। रतनी प्रखंड के पोखवा सोहरैया सरता में भी जमीन नहीं मिलने से स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण अधर में लटक गया।घोसी प्रखंड के उबेर तथा साहो बिगहा व सदर प्रखंड के कसई में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर जमीन की कमी के कारण अधर में लटका है। मखदुमपुर प्रखंड के कनौली टोला विजयनगर, मोदनगंज के बंधुगंज, काको के नेरथुआ में भी भवन निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो सका है।

-------------------------------

ग्रामीणों चिकित्सकों पर नहीं खत्म हो रही निर्भरता सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गांव-गांव तक स्वास्थ्य केंद्र, फिलहाल जमीन के दावपेंच में उलझकर रह गई है। इसको लेकर मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर विभाग द्वारा लगातार पत्राचार किया जा रहा है। पर नतीजा अबतक शून्य है। इस हालत में ग्रामीणों की निर्भरता ग्रामीण चिकित्सकों पर आज भी बनी है। कोरोना काल में स्वास्थ्य केंद्रों की महत्ता ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा महसूस हुई थी। शहर के निजी हॉस्पिटल के संचालकों ने भी तब हाथ खड़े कर दिए थे। ऐसे में ग्रामीण चिकित्सकों के पास जाने के अलावा ग्रामीणों के पास और कोई चारा नहीं था। इसको देखते हुए सरकार द्वारा गांव से लेकर बसावट तक के लोगों को स्वास्थ्य केंद्रों से जोड़ने की मुहिम शुरू की गई थी। इस मुहिम के तहत जिले में 27 स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना को लेकर पहल प्रारंभ हुई थी, जिसमें सात पर काम प्रगति पर है।लेकिन बीस स्वास्थ्य केंद्रों का काम अधिकारियों की उदासीनता के कारण लंबित है। क्या कहते हैं सिविल सर्जन

भवन निर्माण को लेकर जमीन अवरोधक बना हुआ है। विभाग के लोग लगातार इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। जैसे ही स्वास्थ्य केंद्रों के लिए जमीन उपलब्ध हो जाएगी, निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा।

डा अशोक कुमार चौधरी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.