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आहर किसानों का धरोहर, श्रमदान से संरक्षण संभव

जहानाबाद। बिहार की पहचान पूरी दुनियां में छठ महापर्व है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Mar 2021 10:26 PM (IST)Updated: Tue, 30 Mar 2021 10:26 PM (IST)
आहर किसानों का धरोहर, श्रमदान से संरक्षण संभव
आहर किसानों का धरोहर, श्रमदान से संरक्षण संभव

जहानाबाद। बिहार की पहचान पूरी दुनियां में छठ महापर्व है। परंपरागत जल स्रोत नदी, तालाब, आहर, पोखर में स्नान, अ‌र्घ्यदान और आचमन प्रदेश की संस्कृति रही है। आहर और पइन किसानों का धरोहर है। श्रमदान की पुरातन परंपरा से इसे संरक्षित रखा जा सकता है। उक्त बातें यूनाइटेड नेशन डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी ) के बिहार प्रमुख अरविंद कुमार ने कही। जहानाबाद के मोदनगंज प्रखंड में आहर-पइन बचाओ अभियान के तहत फल्गु-गंधार आहर के पुनर्जीवन के लिए श्रमदान करने वालों को होली के मौके पर सूखा राशन का तोहफा दिया।

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उन्होंने कहा कि वर्षा जल संचय के लिए 'सहेज लो पानी की हर बूंद' दैनिक जागरण का बड़ा जागरूकता कार्यक्रम है। गंधार आहर के बारे में पता चला कि 60 के दशक में केसरी नंदन शर्मा ने किसानों से भूमिदान और श्रमदान से दर्जन भर गांवों के खेतों को फल्गु का पानी पहुंचाया था। आहर-पइन बचाओ अभियान समिति ने 60 साल पुराने गंधार आहर को पुनर्जीवित करने का पुण्य कार्य यहां शुरू किया है। इस मॉडल से परंपरागत जलस्रोत को संरक्षित रखने में मदद मिलेगी। हर गांव में इस मॉडल पर काम करने की जरूरत है।

आहर-पइन बचाओ अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमपी सिन्हा ने कहा कि जिस तरह भू-जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है उससे आने वाली पीढ़ी के समक्ष पीने के लिए पानी सुलभ होना मुश्किल होगा। आज गांवों में कुआं, चापाकल फेल हो रहे हैं। बोतल बंद पानी से प्यास बुझाना पड़ रहा है। श्रमदान से ही पुरातन संस्कृति आचमन, अ‌र्घ्यदान और तर्पण के लिए जल बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जहानाबाद, नालंदा, नवादा और गया जिला हमेशा से जल संकट का सामना करते आ रहा है। बेलागंज के नीमचक, अगंधा, शाहपुर और शेखपुरा आहर को श्रमदान से पुनर्जीवित किया गया। काको और तेलहाड़ा में श्रमदान से पुराने आहर को नया स्वरूप दिया गया है। श्रमदान में शामिल किसानों को आहर-पइन बचाओ अभियान की ओर से प्रोत्साहन के बतौर सूखा राशन का तोहफा दिया जा रहा है। बताया कि जहानाबाद में 300 श्रमदानियों को सूखा राशन के बतौर आटा, सोयाबीन, सरसों तेल, नमक, मसाला, चना, दाल सहित अन्य सामग्री दिया जा रहा है। बेलागंज में 250 श्रमदानियों को सूखा पौष्टिक राशन दिया गया।

इस मौके पर गंधार पंचायत के पूर्व मुखिया मनोज कुमार ने कहा कि गंधार आहर को पुनर्जीवित करने के लिए दैनिक जागरण ने प्रेरित किया है। आहर-पइन बचाओ अभियान ने श्रमदानियों को प्रोत्साहन के लिए सूखा राशन देकर बड़ा योगदान किया है।


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