साधन कमी का 'राग-मल्हार' से बुझेगी आग !
जहानाबाद। यहां खेत-खलिहान और घर जल रहा और अग्निशमन विभाग संसाधन की कमी का राग-मल्हार गा रहा है।
जहानाबाद। यहां खेत-खलिहान और घर जल रहा और अग्निशमन विभाग संसाधन की कमी का 'राग-मल्हार' गा रहा है। बदलते जमाने के अनुसार आधुनिक घरेलू उपकरण घर-घर में आ रहे हैं। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की आग जाए तो अग्निशमन विभाग के पास कोई साधन नहीं कि बुझा सके।
समय के साथ आग लगने के कारण भी बदल रहे हैं। गांव में झोंपड़ी कम और पक्का मकान अधिक हुए हैं। पक्का घर हुआ तो गैस सिलेंडर का प्रवेश हो गया। बिजली आई तो एसी, फ्रिज, इनवर्टर, मिक्सर और वाशिंग मशीन तक गांव-गांव में आ गए हैं। डीजल-पेट्रोल तो हर घर के बाइक, ऑटो, कार और एसयूवी में पड़ा है। कालांतर में ऐसे ज्वलनशीन पदार्थ से गांव दूर था। नतीजा है कि जिले में प्रत्येक वर्ष अगलगी की घटना तेजी से बढ़ रही है।
अगलगी के लिए गर्मी का मौसम ज्यादा खतरनाक है लेकिन घर में रखा एलपीजी और बाइक का पेट्रोल और बिजली हमेशा के लिए खतरनाक है। जानकारी ही बचाव का उपाय है। अग्निशमन विभाग के पास उपलब्ध संसाधनों में तेजी से कमी आ रही है। जिसका दुष्परिणाम आम आवाम को भुगतना पड़ रहा है। वर्ष दो 2018 से अब तक के आंकड़े पर गौर करें तो छोटी बड़ी हजारों अगलगी की घटनाओं में करोड़ों की संपत्ति के साथ-साथ लोगों को जान भी गंवानी पड़ी है। कल्पा ओपी में छह, करौना ओपी में दो तथा झुनाठी और पाली में तीन-तीन अगलगी की घटनाएं घटित हुई। 2021 में अब तक 114 आग लगी की घटनाएं हो चुकी है, जिसमें तीन बड़ी घटना शामिल है। यदि आग लगी कि इन बड़ी हुई घटनाओं के साथ अग्निशमन विभाग के संसाधन की तुलना करें तो इसमें दिन प्रतिदिन कमी आती जा रही है। पहले थे सात चालक अब बचे हैं मात्र चार
आग पर काबू पाने में सबसे बड़ी भूमिका अग्निशमन वाहन की होती है। समय पर गाड़ी पहुंचे तभी आग को नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन अग्निशमन विभाग के पास उपलब्ध छोटी-बड़ी नौ गाड़ियों के मात्र चार चालक ही उपलब्ध है। दरअसल दो वर्ष पहले यहां चालकों की संख्या सात हुआ करता था। लेकिन चालक प्रशिक्षण प्राप्त करने के उद्देश्य से विभाग से दूर होते चले गए। प्रशिक्षण के उपरांत दूसरे विभाग में वे लोग शिफ्ट हो गए।यही स्थिति कमोबेश अन्य कर्मियों के साथ भी है। कॉल पर जाने के लिए पहले यहां दो
जमादार प्रतिनियुक्ति थे। लेकिन वर्तमान समय में एक भी जमीदार उपलब्ध नहीं है। मानव संसाधन की कमी विभाग की व्यवस्था को कमजोर कर रहा है। -- पैसे मिले लेकिन भवन नहीं बना --
विभाग के पास वर्षों से अपने भवन के लिए दो करोड़ दस लाख रुपये आवंटित है। गांधी मैदान में एसडीपीओ आवास के पास अग्निशमन के भवन के लिए स्थान
चिन्हित है। पुलिस भवन निगम को निर्माण का जिम्मा दिया गया है लेकिन अग्निसमन विभाग का अपना बिल्डिग नहीं बन सका है।अग्निशमन विभाग पिछले पंद्रह वर्षों से से एक पुराने सरकारी कोल्ड स्टोरेज के भवन में संचालित हो रहा है। अपना भवन नही होने से वाहनो के रख रखाव से लेकर कर्मियों के आवासीय सहुलियतों में भी काफी परेशानी होती है
- जहानाबाद
वर्ष - अगलगी - बड़ी घटना
2018 -947 - 65
2019 -1200 - 72
2020 -1400 - 119
2021 में अब तक -114
किस प्रखंड में कितने हुई बड़ी अगलगी की घटनाएं
जहानाबाद -27
मखदुमपुर -26
परसबिगहा -18
काको -15
शकूराबाद -09
हुलासगंज -09