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जिले के 94 स्कूल में बच्चों को नहीं मिल रहा दोपहर का भोजन

जहानाबाद कोरोना काल में दो सालों तक स्कूलों का संचालन बाधित रहा। अब नियमित रूप से विद्यालयों का संचालन हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jul 2022 09:30 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2022 09:50 PM (IST)
जिले के 94 स्कूल में बच्चों को नहीं मिल रहा दोपहर का भोजन
जिले के 94 स्कूल में बच्चों को नहीं मिल रहा दोपहर का भोजन

जहानाबाद: कोरोना काल में दो सालों तक स्कूलों का संचालन बाधित रहा। अब नियमित रूप से विद्यालयों का संचालन हो रहा है। साथ-साथ सभी गतिविधियां भी सुचारू रूप से चल रही हैं। लेकिन जिले में संचालित 905 मध्य तथा प्राथमिक विद्यालयों में से 94 में मिड डे मील का संचालन कोरोना काल के बाद से अबतक शुरू नहीं किया जा सका। इसके चलते स्कूलों में पढ़ने वाले 56021 छात्र-छात्राएं दोपहर के भोजन से वंचित हैं। एक ओर स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति प्रतिशत बढ़ाने के लिए गांव-गांव में जागरूकता रथ रवाना किया गया है। वहीं मिड डे मील का संचालन नहीं होने से इन विद्यालयों में बच्चों का नामांकन और उपस्थिति दर दोनों प्रभावित हो रहा है। इस संबंध में विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इन विद्यालयों में मिड डे मील का संचालन नहीं होने के अलग-अलग कारण हैं। कहीं रसोईया उपलब्ध नहीं हैं तो कहीं किचन शेड की व्यवस्था नहीं होने से मिड डे मील का संचालन नहीं हो पा रहा है।हालांकि नियमित रूप से विद्यालय संचालित हुए महीनों बीत गए हैं। इस बीच यदि विभाग द्वारा सकारात्मक पहल की जाती तो यह समस्या दूर हो सकती थी। दोपहर के बाद खाली हो जा रहीं कक्षाएं मध्याह्न भोजन बंद रहने के कारण बच्चों को दोपहर के भोजन के लिए घर जाना पड़ रहा है। बच्चे भोजन के लिए घर जाते हैं तो अधिकांश खेलने कूदने में लग जाते हैं और फिर विद्यालय आना मुनासिब नहीं समझते। परिणामस्वरूप दोपहर के बाद विद्यालय में बहुत कम बच्चे ही रह जाते हैं। इस कारण पठन-पाठन का कार्य प्रभावित हो जाता है। ऐसे में शिक्षकों के पास आपस में बैठकर गप्पें लड़ाने के अलावा और कोई काम नहीं बचता। मध्याह्न भोजन जहां सुबह में उपस्थिति को कम कर रहा है वहीं दोपहर के बाद विद्यालय की पूरी व्यवस्था को बाधित कर रहा है। मिड डे मील संचालित रहने से दोपहर में बच्चों को घर जाने का कोई बहाना नहीं मिलता था और अंतिम घंटी तक कक्षाएं संचालित रहती थी। ग्रामीणों की नाराजगी झेल रहे शिक्षक गांव के स्कूल में मध्याह्न भोजन संचालित नहीं रहने से ग्रामीण भी नाराज हैं। लोगों के पास शिक्षा विभाग के अधिकारी तो सहज रूप से मौजूद नहीं होते, जिनसे पूरी व्यवस्था पर सवाल किया जा सके। कुल मिलाकर शिक्षक ही बचते हैं जिन्हें इस संबंध में ग्रामीणों के प्रश्नों का जवाब देना पड़ता है। ऐसे में गांव के लोग पूरी व्यवस्था के लिए शिक्षकों को ही दोषी मानते हुए अपनी भड़ास निकालते हैं। शिक्षक भी परेशान हैं।

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