जहानाबाद में बस संचालक वसूल रहे की मनमाना किराया
जहानाबाद। जिले में तकरीबन 300 बसों का परिचालन हो रहा हैलेकिन किसी बसों में नियमों का अनुपालन नहीं हो रहा है। बसों में किराया सूची भी चस्पा नहीं है। इसके साथ ही किराया अधिक लेने पर जब यात्री विरोध करते हैं तो उन्हें रास्ते में ही उतार दिया जाता है। इस तरह के मामले कई बार सामने आने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नियमों की अनदेखी करने वाले बस चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जहानाबाद। जिले में तकरीबन 300 बसों का परिचालन हो रहा है,लेकिन किसी बसों में नियमों का अनुपालन नहीं हो रहा है। बसों में किराया सूची भी चस्पा नहीं है। इसके साथ ही किराया अधिक लेने पर जब यात्री विरोध करते हैं तो उन्हें रास्ते में ही उतार दिया जाता है। इस तरह के मामले कई बार सामने आने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नियमों की अनदेखी करने वाले बस चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। ज्यादातर बसों में नियमानुसार यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं नहीं मिल रहीं है।
आलम यह है कि कई यात्री बसें जर्जर हो चुकी हैं। अपने गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही कई बार उन्हें रास्ते में मरम्मत की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में इन बसों से सफर करने वाले लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ती है। महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें भी सुरक्षित नहीं रहता। महिला यात्रियों को मजबूरी में खड़े होकर यात्रा करना पड़ता है। बस संचालन के लिए गाइडलाइन जरूरी
बस में फर्स्ट एड बाक्स होना चाहिए। अग्निशमन यंत्र अनिवार्य है, जिससे बस में आगजनी की घटना से बचा जा सके। महिलाओं के लिए सीट आरक्षित होना चाहिए। सभी बसें डबल डोर होनी चाहिए, जिससे आगजनी जैसी घटना होने पर यात्री जल्दी से बाहर निकल सकें। बसों में एक इमरजेंसी विडो जरूरी है, जो आपातकाल के समय काम आती हैं। सभी बसों में किराया सूची चस्पा होना अनिवार्य है, जिससे संचालक अधिक किराया न वसूल सकें। साथ ही क्षमता से अधिक सवारियां बसों में नहीं बैठाना है। बस संचालकों द्वारा इन गाइडलाइन का अनुपालन नहीं हो पा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर के पहले और अब का किराया
स्थान पहले अब
जहानाबाद से पटना 60 - 100
जहानाबाद से गया 45- 70
जहानाबाद से अरवल 40- 70
जहानाबाद से कुर्था 35- 60
जहानाबाद से हुलासंगज 35-50
जहानाबाद से करपी 40-70
जहानाबाद से शहर तेलपा 50-80
जहानाबाद से एंकगरसराय 40- 70
कहते हैं यात्री
बस संचालकों को नियम कानून से कोई मतलब नहीं है। वे लोग सिर्फ अपने मुनाफे पर हीं ध्यान केंद्रित रखते हैं। ऐसे में प्रशासन के लोग भी सख्त रुख नहीं अपना रहे हैं। अजय कुमार
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मनमाना किराया और ऊपर से नीचे तक ठूंस-ठूंस कर सवारी बैठाने का सिलसिला चल रहा है। ऐसे में उमस भरी गर्मी में लोग हलकान परेशान रहते हैं।
अभय गुप्ता
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