छापेमारी में 28 सौ किलो जावा महुआ नष्ट
जहानाबाद। महुआ शराब के निर्माण के लिए विख्यात दरधा नदी झलास में छापेमारी होती है लेकिन फिर वहां शराब बनाने का कार्य आरंभ हो जाता है।
जहानाबाद। महुआ शराब के निर्माण के लिए विख्यात दरधा नदी झलास में छापेमारी होती है लेकिन फिर वहां शराब बनाने का कार्य आरंभ हो जाता है। दरअसल शराब के धंधे में लगे लोग तू डाल-डाल मैं पात-पात के तर्ज पर चल रहे हैं। दशकों पूर्व से इस झलास में शराब बनाने का कारोबार चल रहा है। शराबबंदी के पहले भी समय-समय पर यहां छापेमारी होती थी। भट्ठियां भी ध्वस्त किए जाते थे लेकिन फिर से यह कारोबार उसी प्रकार फलता फूलता रहता था। शराबबंदी के बाद तो उत्पाद विभाग और पुलिस की नजर उस पर और टेढ़ी हुई बावजूद यह कारोबार ठप नहीं हो सका। भले ही उत्पाद विभाग के लोग वहां जाते हैं और भट्ठियों को ध्वस्त करते हैं। उपकरणों को भी नष्ट किया जाता है। लेकिन जैसे ही वे लोग वापस लौटते हैं फिर से वहां पर कारोबार आरंभ हो जाता है। यदि इस कार्रवाई में कारोबारियों को बड़ा नुकसान होता तो फिर वे लोग इस धंधे को शुरू करने की हिम्मत नहीं जुटाते। यदि कार्रवाई के बाद फिर वे लोग इस धंधे को आरंभ कर देते हैं। क्योंकि छापेमारी में उन्हें इतना नुकसान नहीं होता है जिसकी भरपाई वे लोग नहीं कर सकते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि वहां छापेमारी होती है। घंटों जेसीबी लगाकर भट्ठियों को ध्वस्त भी किया जाता है लेकिन कारोबारी पकड़े नहीं जाते हैं। अब तक की हुई छापेमारी में मात्र एक कारोबारी की गिरफ्तारी हुई है। कारोबारियों की गिरफ्तारी नहीं होना बड़ा सवाल खड़ा करता है। क्या विभाग की इस कार्रवाई की जानकारी कारोबारियों को पहले ही मिल जाती है। यदि नहीं मिलती तो फिर वहां कोई व्यक्ति मौजूद क्यों नहीं मिलता है। हालांकि उत्पाद अधीक्षक सुनिल कुमार सिंह का मानना है कि टीम के लोगों को जब कभी भी इस कारोबार की जानकारी मिली है वहां कार्रवाई हुई है। इसी के तहत मंगलवार को भी वहां बड़े पैमाने पर छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान तकरीबन 28सौ किलो फूला हुआ जावा महुआ को नष्ट किया गया। इतना ही नहीं 30 लीटर शराब की भी बरामदगी हुई। बड़ी संख्या में उपकरण नष्ट हुए। भट्ठियों को भी ध्वस्त किया गया। उत्पाद अधीक्षक ने बताया कि उन्हें यह जानकारी मिली थी कि दरधा नदी झलास में फिर से शराब बनाने का कार्य किया जा रहा है। जानकारी मिलते ही इंस्पेक्टर निरंजन कुमार झा, सहायक अवर निरीक्षक अजय कुमार प्रसाद तथा सुरेश पासवान के साथ ही सैप, होमगार्ड तथा उत्पाद पुलिस के साथ वहां छापेमारी की गई। उन्होंने कहा कि यह सही है कि दरधा नदी झलास इस धंधे के लिए मशहूर रहा है लेकिन उत्पाद विभाग की नजर से वे लोग बच नहीं पाएंगे। उनलोगों के खिलाफ यह अभियान निरंतर जारी रहेगा।