उत्क्रमित हुए 22 उच्च विद्यालयों का नहीं है अपना भवन
जहानाबाद। एक ओर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की बात की जाती है वहीं भवन जैसी बुनियादी सुविधा भी विद्यालय को मयस्सर नहीं हो रहा है।
जहानाबाद। एक ओर शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की बात की जाती है वहीं भवन जैसी बुनियादी सुविधा भी विद्यालय को मयस्सर नहीं हो रहा है। बताते चलें कि सरकार के द्वारा उच्च विद्यालय तक की शिक्षा को सुगम बनाने के उद्देश्य से जिले के 36 मध्य विद्यालयों को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय का दर्जा दिया गया था। इसके तहत इन विद्यालयों में नामांकन भी प्रारंभ हो गया। कई विद्यालयों के बच्चे बिना भवन तथा शिक्षक के ही मैट्रिक की परीक्षा भी देते रहे। हालात यह है कि अभी भी 22 उत्क्रमित उच्च विद्यालय का अपना भवन मयस्सर नहीं हो सकी है। मध्य विद्यालय में ही उच्च विद्यालय की कक्षा भी संचालित होती है। व्यवस्था की बदहाली की इससे बड़ी बात क्या हो सकती है कि उत्क्रमित हो जाने के उपरांत भी कई विद्यालयों में उच्च विद्यालय स्तर के शिक्षकों की पदस्थापना नहीं हो सकी है। संचालन की जिम्मेदारी मध्य विद्यालय के शिक्षकों पर ही निर्भर है। केवल पंजीयन और फार्म भरने की खानापूर्ति तक उन विद्यालयों की जिम्मेदारी रह गई है। मध्य विद्यालय को उत्क्रमित किए जाने पर ग्रामीण इलाके के लोगों में इस बात की खुशी हुई थी कि अब उनके बच्चे गांव में ही मैट्रिक तक की शिक्षा प्राप्त कर लेंगे। इस कवायद के तहत बच्चों का नामांकन भी कराया गया। लेकिन पठन पाठन के लिए निजी कोचिग संस्थानों पर ही निर्भर रहने की बाध्यता आ गई। बताते चले कि भवन निर्माण की दिशा में कई स्थानों पर जमीन की अनुपलब्धता भी बाधक बन रही है। सदर प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय सेवनन, मखदुमपुर के उच्च विद्यालय अकबरपुर तथा काको के उत्क्रमित उच्च विद्यालय पिजौरा में जमीन के अभाव के कारण भवन का निर्माण नहीं हो सका है।हालांकि मोदनगंज प्रखंड के वैना,जलालपुर,वीर्रा,हुलासगंज प्रखंड के केउर तथा घोसी के अहियासा उत्क्रमित उच्च विद्यालय का भवन निर्माणाधीन है।
जबकि रतनी के सिकंदरपुर,कुंडिला,उतरपट्टी,अबगीला,मखदुमपुर के कुर्था डीह, चाढ़, धराउत, काको के उतरसेरथू, मनियावां, घोसी के रामगंज,हुलासगंज के नरमा,गिजी,रुस्तमपुर तथा मोदनगंज के देवरा में भवन निर्माण का कार्य अब तक प्रारंभ भी नहीं हो सका है। ऐसे में उच्च विद्यालय की शिक्षा इन इलाकों में महज खानापूर्ति बनकर रह गई है। क्या कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी कई स्थानों पर भवन का निर्माण करा दिया गया है। कुछ जगहों पर जमीन की कमी सामने आ रही है। जमीन उपलब्ध करने के लिए ग्रामीणों से बातचीत की जा रही है। जल्द ही सभी विद्यालयों का अपना व्यवस्थित भवन का निर्माण हो जाएगा। फिलहाल भवन नहीं रहने के कारण मध्य विद्यालय के भवन में ही कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। विद्या सागर सिंह