दियारा से उठी हवा दे रही जाति गणित फेल होने का संकेत
गोपालगंज संसदीय क्षेत्र में मतदान के बाद अब प्रत्याशी पोलिग एजेंट के फीड बैक पर खुद को मिले वोट का हिसाब लगा रहे हैं।
गोपालगंज। गोपालगंज संसदीय क्षेत्र में मतदान के बाद अब प्रत्याशी पोलिग एजेंट के फीड बैक पर खुद को मिले वोट का हिसाब लगा रहे हैं। इस सीट पर राजग तथा महागठबंधन के बीच आमने-सामने की लड़ाई को देखते हुए दोनों पक्ष अपनी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। इस दावा के पीछे राजग तथा महागठबंधन में शामिल दलों के जाति आधार का मजबूत पक्ष है। लेकिन मतदान के बाद गंडक के दियारा से उठी हवा तो जाति गणित के फेल होने का संकेत दे रही है। इस हवा में घुली वोटरों की आवाज की महक दियारा से लेकर जिले के अंतिम छोर उत्तर प्रदेश के विजयीपुर तक एक जैसी महसूस की जा रही है। हालांकि 23 मई को मतगणना के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि जीत का सेहरा राजग के सिर बंधा या महागठबंधन का दावा सच निकला। लेकिन मतदान के बाद जीत हार को लेकर लोगों के बीच चल रही कयास से तो यह साफ होने लगा है कि इस बार भी जीत रिकार्ड बनेगा।
मंगलवार की सुबह सुबह के छह बजे हैं। एनएच 28 से होकर जादोपुर पथ से दियारा इलाके की तरफ बढ़ने पर यह महसूस नहीं हुआ कि हाईवे पीछे छूट गया है। कभी बदहाली का पर्याय बनी यह सड़क विकास की कहानी कह रही है। इस सड़क के दोनों तरफ गेहूं की कटनी के बाद खेत खाली पड़े हैं। बीच-बीच में गन्ने की नई पौध खेतों में उगी हुई हैं। हवा की नमी यह बता रही है कि आज भीषण गर्मी से कुछ राहत मिलेगी। इसी पथ पर कररिया गांव में आपस में बातचीत कर रहे हीरा सिंह, नागेंद्र यादव, दिनेश कुशवाहा से मुलाकात हुई। ये लोग आपस में चुनाव परिणाम को लेकर चर्चा कर रहे रहे थे। बातचीत का सिलसिला बढ़ा तो हीरा सिंह ने कहा कि जिस सड़क से आए हैं, वह पहले चलने लायक नहीं थी। राजनीतिक दलों को अपना जाति गणित है। लेकिन दियारा के लोगों ने विकास को ही वोट दिया है। नागेंद्र यादव ने बिना लाग लपेट के कहा कि हमें यह मान लिया गया है कि लालू प्रसाद के नाम पर ही वोट देंगे। ऐसा सोचने वाले को परिणाम आने पर झटका लगेगा। दिनेश कुशवाहा कहते हैं कि रालोसपा का उनकी बिरादरी पर असर है। लेकिन वोट तो विकास के नाम पर ही दिया गया है। यहां से आगे बढ़ने पर एकडेरवां गांव के समीप मिलते हैं जहीर अंसारी। ये किसी काम से एकडेरवां गांव आए हैं। ये बताते हैं कि राजद के पक्ष में उनलोगों का झुकाव है। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम पर भी वोट दिया गया है। दियारा के दूसरे छोर विजयीपुर बाजार में भी कुछ इसी तरह की हवा बहती दिखी। उत्तर प्रदेश के इस सीमावर्ती इलाके में भी जाति गणित टूटती दिखी। प्रखंड मुख्यालय के समीप मिले सतीश तिवारी ने कहा कि राजग और राजद में क्या अंतर है। अगल-अगल की सीटों को देखे लीजिए। टिकट देने में पूरी तरह से उपेक्षा कर दिया गया। हालांकि ये खुल कर नहीं बोले, पर इनकी बातों से लगा कि राहुल गांधी के नाम पर ये महागठबंधन के पाले में खड़े हैं। इनसे बातचीत कर रहे दिनेश पाण्डेय ने हालांकि यह साफ कहा कि देश हित में मोदी के नाम पर राजग को वोट दिए हैं। यहां से भोरे बाजार में पहुंचने पर चारमुहानी के पास मिले रामजीत कुशवाहा पर उपेंद्र कुशवाह के महागठबंधन में शामिल होने का असर दिखा। इन्होंने साफ कहा कि सभी जाति की बात करते हैं तो हम क्यों नहीं करेंगे। हालांकि इनके साथ खड़े इन्ही के भाई देवेंद्र कुशवाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश तथा नीतीश कुमार ने बिहार का मान बढ़ाया है। ये कहते हैं- रिजल्ट देख लीजिएगा, यहां जाति गणित फेल हो गया है।
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