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कमरों में नहीं मिल पाती जगह, बाहर बैठकर पढ़ते छात्र

स्कूलों की व्यवस्था सुधारने की सरकार के लाख प्रयास के बावजूद अब भी तमाम विद्यालय मूलभूत सुविधाओं से दूर हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 05:44 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 05:44 PM (IST)
कमरों में नहीं मिल पाती जगह, बाहर बैठकर पढ़ते छात्र
कमरों में नहीं मिल पाती जगह, बाहर बैठकर पढ़ते छात्र

संवाद सूत्र,कुचायकोट (गोपालगंज) : स्कूलों की व्यवस्था सुधारने की सरकार के लाख प्रयास के बावजूद अभी भी तमाम विद्यालय मूलभूत सुविधाओं से दूर हैं। कुचायकोट प्रखंड का उत्क्रमित उच्च विद्यालय रामपुर दाऊद भी ऐसा ही एक विद्यालय है, जहां 800 से अधिक छात्र पांच कमरों में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। कमरों की कमी के चलते विद्यालय परिसर में मौजूद पांच दशक पुराने कटरेन वाले जर्जर कमरे में भी बच्चों को बैठना पड़ता है । इन पांच कमरों में भी तीन कमरे ही अच्छी हालत में है। दो कमरे लगभग चार दशक पुराने और बेहद खस्ताहाल है । वर्ष 2019 में इस विद्यालय को मध्य विद्यालय से उच्च विद्यालय में अपग्रेड कर दिया गया, पर सुविधा के नाम पर मात्र दो वर्ग कक्ष का निर्माण कराया गया। इन दो कमरों में वर्ग नौ और दसवीं के 230 बच्चे पढ़ाई करते हैं। ऐसे में इन कमरों में बैठने की बात तो दूर 230 बच्चे इन कमरों में खड़ा भी नहीं हो सकते। कक्षा एक से आठ तक की बात करें तो इन कक्षाओं में 500 से अधिक बच्चे नामांकित है। इन बच्चों के पठन-पाठन के लिए विद्यालय में 40 वर्ष पूर्व बने दो कमरे मौजूद है और दो ही कटरेन के कमरे हैं। इसके अलावा सर्व शिक्षा अभियान के तहत एक नए कमरे का निर्माण किया गया है। 500 से अधिक बच्चों के बैठने के लिए अच्छी हालत में मात्र एक कमरा उपलब्ध है। जबकि दो कटरेन और दो पक्का कमरे जर्जर हालत में है । इस विद्यालय में कमरों की संख्या कम होने से तमाम क्लास के बच्चों को शिक्षक विद्यालय परिसर में बैठा कर पढ़ाते हैं। ऐसे में बरसात तथा गर्मी के दिनों में बच्चों को पढ़ाई में बेहद दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कक्षा नौ और दसवीं के छात्र छात्राओं के बैठने के लिए विभाग द्वारा बेंच डेस्क उपलब्ध कराया गया है, पर एक से आठ तक के बच्चों को जमीन पर ही बैठ कर पढ़ाई करनी पड़ती है । इस विद्यालय में कुल 12 शिक्षक नियुक्त है, पर कमरों की कमी के चलते शैक्षणिक गतिविधियां प्रभावित रहती है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनोज सिंह कहते हैं कि विद्यालय में वर्ग कक्ष की कमी एक बड़ी समस्या है । छात्रों की संख्या 800 के लगभग होने को देखते हुए यहां कम से कम 15 कमरों की आवश्यकता है, पर मात्र तीन कमरों की स्थिति ठीक है। चार कमरे जर्जर हालत में हैं। कमरों की जरुरत को लेकर विभागीय पदाधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। ------

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- जर्जर स्थिति में हैं पांच में से दो कमरे


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