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दुरुस्त हो रही स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी पड़ रही चिकित्सकों की कमी

जागरण संवाददाता गोपालगंज सरकारी अस्पतालों की बेहतर हो रही स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिकित्सकों

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 11:37 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 11:37 PM (IST)
दुरुस्त हो रही स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी पड़ रही चिकित्सकों की कमी
दुरुस्त हो रही स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी पड़ रही चिकित्सकों की कमी

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : सरकारी अस्पतालों की बेहतर हो रही स्वास्थ्य व्यवस्था पर चिकित्सकों की कमी भारी पड़ती जा रही है। यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई है। इसके बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं हो रही है। ग्रामीण इलाकों में चिकित्सकों की कमी के कारण सबसे अधिक परेशानी लोगों को हो रही है। इसके बावजूद सरकारी अस्पतालों के प्रति बढ़े विश्वास के कारण मरीज यहां इलाज के लिए पहुंच रहे हैं।

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जिला मुख्यालय से लेकर सुदूर ग्रामीण इलाकों तक में मौजूद सरकारी अस्पतालों में हाल के दिनों में काफी सुविधाएं बढ़ी हैं। बावजूद इसके सरकारी अस्पतालों में सौ से अधिक चिकित्सकों के पद रिक्त रहने से लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। ग्रामीण इलाके में मौजूद सरकारी अस्पतालों में पहुंचते ही मरीजों को इस बात का अहसास भी हो जाता है कि यहां सब कुछ है, पर बेहतर इलाज की सुविधा नहीं हैं। सदर अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र, व अनुमंडलीय अस्पतालों में चिकित्सक की कमी मरीजों पर भारी पड़ रही है। वैसे शहरी क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों इलाज की व्यवस्था कुछ ठीक है, पर ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों पर मरहम-पट्टी तक की सुविधा 24 घंटे आम लोगों को मुहैया नहीं हो पाती। सबसे खराब स्थिति अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों की है। वैसे जिले की करीब 30 लाख की आबादी के लिए सदर व अनुमंडलीय अस्पताल के अलावा चार रेफरल अस्पताल, 12 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 23 अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र तथा 127 उप स्वास्थ्य केंद्र हैं। बीते कुछ सालों में जिला व अनुमंडल स्तरीय अस्पतालों की दशा भी सुधरी है। कुछ हद तक प्रखंड स्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति भी बेहतर हुई है। सुधार की इस प्रक्रिया के बीच चिकित्सकों की भारी कमी बेहतर इलाज में बाधक बनी हुई है।

ग्रामीण अस्पतालों में नहीं दिखते चिकित्सक

ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक की कमी से मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों पर तो सप्ताह में एक या दो दिन ही डाक्टर पहुंचते हैं। वह भी महज चंद घंटों के लिए। ऐसे में यहां आने वाले मरीज बैरंग वापस लौटने को विवश होते हैं।

जानिए सरकारी अस्पतालों में कितनी है रिक्ति

पद - कुल रिक्ति

नियमित चिकित्सक 60

संविदा चिकित्सक 28

आयूष चिकित्सक 05

ए ग्रेड नियमित नर्स 11

ए ग्रेड संविदा नर्स 52

एएनएम नियमित 63

एएनएम संविदा 79 कहते हैं सिविल सर्जन

सदर अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं भी बढ़ी है। हां, चिकित्सकों की कमी के कारण कुछ समस्याएं होती हैं। सरकार के स्तर पर चिकित्सकों की कमी दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

डा. वीरेंद्र प्रसाद, सिविल सर्जन


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