एक दिन में 8.7 डिग्री तक लुढ़का अधिकतम तापमान
जागरण संवाददाता गोपालगंज घने कोहरे के बीच मंगलवार की सुबह हुई। इस पर तेज सर्द पछुअ
जागरण संवाददाता, गोपालगंज :
घने कोहरे के बीच मंगलवार की सुबह हुई। इस पर तेज सर्द पछुआ हवा ने कनकनी बढ़ा दी। लोग परेशान रहे। कनकनी के कारण अधिकतम तापमान में भी गिरावट आई है। केवीके गोपालगंज के अनुसार, सोमवार को अधिकतम तापमान 20.2 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7.2 डिग्री सेल्सियस रहा था। मंगलवार को अधिकतम तापमान गिरकर 11.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यानी एक दिन में 8.7 डिग्री तक अधिकतम तापमान लुढ़क गया। हालांकि केवीके से मंगलवार को तकनीकी समस्या के कारण न्यूनतम तापमान रिकार्ड नहीं किया जा सका। ठंड का कहर जारी
संवाद सूत्र, कुचायकोट : बर्फीली पछुआ हवा के चलते ठंड का कहर जारी है। मंगलवार को गिरते तापमान की चलते मौसम में कनकनी बनी रही। तेजी से गिरे तापमान और बढ़ती ठंड के वजह से जनजीवन प्रभावित रहा। हाड़ कंपा देने वाली ठंड के चलते घरों से निकलने वालों की संख्या बेहद कम रही। चौक-चौराहों से लेकर बाजारों तक भीड़ नदारद रही। गांवों में जगह-जगह लोगों ने अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने की कोशिश की। विदित हो कि पिछले 3 दिनों से तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मंगलवार को दिनभर सूर्य के दर्शन नहीं हुए और कोहरा छाया रहा। सड़क पर कोहरे की वजह से वाहनों की रफ्तार भी थमती हुई नजर आई। तमाम वाहन धीरे धीरे गंतव्य को जाते हुए दिखे। सुबह लगभग दस बजे तक एनएच 27 पर वाहनों का आवागमन बेहद कम रहा। तमाम वाहन सड़क के किनारे जगह-जगह खड़े नजर आए। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, अभी कुछ दिनों तक मौसम में बदलाव की कोई संभावना नहीं है। दो से तीन दिनों तक अभी यही स्थिति बनी रह सकती है। बढ़ती ठंड की वजह से लोगो का बाजार में आना जाना कम हो रहा है। पाला पड़ने की संभावना से आशंकित हैं किसान
संसू, कुचायकोट: बढ़ी ठंड और तापमान में आई गिरावट की वजह से एक तरफ जहां जनजीवन प्रभावित है। वहीं, किसान पाला पड़ने की संभावना से आशंकित हैं। किसानों को डर है कि गिरते तापमान के चलते पाला पड़ सकता है। इससे आलू तिलहन आदि की फसल प्रभावित हो सकती है। खासकर आलू की खेती करने वाले किसान ऐसे मौसम से ज्यादा परेशान दिख रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र सिपाया के कृषि विज्ञानी डा. अमित बिसेन ने बताया कि इस समय तापमान का कम होना गेहूं की फसल के लिए तो फायदेमंद है। आलू और तिलहन की फसल के लिए गिरता तापमान नुकसानदायक साबित हो सकता है।उन्होंने बताया की गेहूं के शुरुआती डेढ़ महीने तक तेजी से ग्रोथ के लिए कम तापमान की आवश्यकता होती है। इस समय गिरे तापमान से गेहूं की फसल को लाभ मिलेगा। आलू ,सरसों आदि के फसल को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने बताया कि किसान खेतों के आसपास आग और धुआं कर पाला के प्रभाव को कम कर सकते हैं। इसके अलावा किसान कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर जरूरत के अनुसार दवाओं का छिड़काव करना चाहिए।