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गाजे-बाजे के साथ किया गया मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन

नौ दिनों तक चले शारदीय नवरात्र के बाद सोमवार को लोगों ने रंग और गुलाल उड़ा कर मां दुर्गा को विदाई दी। जिला मुख्यालय के अलावा ग्रामीण इलाकों में स्थापित मां की तमाम प्रतिमाओं का गाजे बाजे के साथ विसर्जन किया गया। जिला मुख्यालय के अलावा कई अन्य स्थानों पर स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमाएं नदी नहर और जलाशयों में विसर्जित की गई। प्रतिमा विसर्जन के लिए पूजा समितियों ने तैयारी की थी। सोमवार को दोपहर बाद करीब दो बजे से अलग-अलग स्थानों पर स्थापित की गई मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन का कार्य प्रारंभ हुआ। इस बीच ट्रैक्टर व ट्रॉली पर रखकर गाजे-बाजे के साथ विसर्जन जुलूस निकाला गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 05:21 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 02:29 AM (IST)
गाजे-बाजे के साथ किया गया मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन
गाजे-बाजे के साथ किया गया मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन

गोपालगंज : नौ दिनों तक चले शारदीय नवरात्र के बाद सोमवार को लोगों ने रंग और गुलाल उड़ा कर मां दुर्गा को विदाई दी। जिला मुख्यालय के अलावा ग्रामीण इलाकों में स्थापित मां की तमाम प्रतिमाओं का गाजे बाजे के साथ विसर्जन किया गया। जिला मुख्यालय के अलावा कई अन्य स्थानों पर स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमाएं नदी, नहर और जलाशयों में विसर्जित की गई। प्रतिमा विसर्जन के लिए पूजा समितियों ने तैयारी की थी।

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सोमवार को दोपहर बाद करीब दो बजे से अलग-अलग स्थानों पर स्थापित की गई मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन का कार्य प्रारंभ हुआ। इस बीच ट्रैक्टर व ट्रॉली पर रखकर गाजे-बाजे के साथ विसर्जन जुलूस निकाला गया। पूजा समितियों के सदस्यों के साथ-साथ भारी संख्या में स्थानीय लोग विसर्जन यात्रा में शामिल हुए। माता को विदाई के समय गाजे-बाजे और ढोल-ताशे तो बज रहे थे, पर सबकी आंखें नम हो चली थीं। शहर का हजियापुर मोड़ के अलावा बंजारी मोड़ तथा अन्य इलाकों में इस बार बगैर पूजा पंडाल के ही रखी गई मां दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान अबीर-गुलाल लगाए लोग मां का जयकारा करते निकल पड़े। सोमवार को दोपहर बाद से प्रारंभ हुआ प्रतिमा विसर्जन का कार्य देर शाम तक चलता रहा। कई स्थानों पर युवाओं की टोलियां देवी गीतों पर झूमते हुए विसर्जन के दौरान दिखी। इस बीच लोग अपने-अपने घर से बाहर निकल कर मां दुर्गा को नमन कर रहे थे। दियारा इलाके के कई स्थानों पर रखी गई मां की प्रतिमाओं का विसर्जन गंडक नदी में किया गया। जबकि ग्रामीण इलाकों की प्रतिमाओं का विसर्जन नहर व छोटी नदियों में किया गया। उधर, प्रतिमा विसर्जन को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा के लेकर व्यापक प्रबंध किए थे। शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर दंडाधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। पुलिस विसर्जन कार्यक्रम पर पैनी नजर रखी हुई थी। प्रतिमा विसर्जन के जमकर दौरान रंग गुलाल उड़ाये गए और भक्ति गीतों की धुन पर युवक थिरकते रहे।


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