Move to Jagran APP

चमक पर नहीं, परख कर खरीदें मिठाइयां

दीपावली को देखते हुए अब लोगों का रुख बाजारों की ओर है। इलेक्ट्रानिक्स सामान से लेकर मिठाई व अन्य सामान की खरीद को लेकर लोगों में उत्साह दिखने लगा है। लेकिन यहां मिलावट का कारोबार करने वाले भी सक्रिय हो गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Oct 2017 03:07 AM (IST)Updated: Sat, 14 Oct 2017 03:07 AM (IST)
चमक पर नहीं, परख कर खरीदें मिठाइयां
चमक पर नहीं, परख कर खरीदें मिठाइयां

गोपालगंज। दीपावली को देखते हुए अब लोगों का रुख बाजारों की ओर है। इलेक्ट्रानिक्स सामान से लेकर मिठाई व अन्य सामान की खरीद को लेकर लोगों में उत्साह दिखने लगा है। लेकिन यहां मिलावट का कारोबार करने वाले भी सक्रिय हो गए हैं। त्योहारों के मौके पर मिलावटी मिठाइयों का कारोबार होने की संभावना को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति को सचेत रहने की भी जरूरत है। ऐसे में मिठाइयों की खरीद करते समय दुकानों की चमक दमक पर कतई न जाएं तथा सोच समझकर ही मिठाइयां खरीदें ।

loksabha election banner

दीपावली के मौके पर मिठाइयों की मांग अधिक बढ़ जाती है। मिठाई बेचने वाले कारोबारी भी इस मौके को अपने हाथ से जाने देना नहीं चाहते। वे मुनाफाखोरी से लेकर मिलावट तक का काम करते हैं। ऐसे में बाजार से मिठाई खरीदने के पूर्व उसे परख लें। बाजार में बिक रही मिठाइयों में खोआ से लेकर मेवा व घी भी घटिया व नकली हो सकते हैं। विशेष तौर पर दीपावली के मौके पर मिठाइयों की मांग बढ़ने से इसमें मिलावट भी बढ़ जाती है। इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की मानें तो दीपावली के समय दूध से लेकर खोआ के दाम बढ़ जाते हैं। मौजूदा समय में दूध की कीमत 40 से 45 रुपये प्रति लीटर है। एक लीटर दूध में 180 से 200 ग्राम तक खोया निकल पाता है। इस प्रकार एक किलोग्राम खोया की कीमत ही 200 से 220 रुपये आती है। ऐसे में अगर खोआ की मिठाई की कीमत कम है तो उसमें मिलावट की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता।

इनसेट

शुद्ध खोआ की क्या है पहचान

गोपालगंज : खोआ को हथेली पर लेकर रगड़ने पर अपेक्षाकृत अधिक चिकनाई नहीं मिलती है तो मिठाई की शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है। बढि़या खोआ खाने में थोड़ा खट्टा भी होता है।

इनसेट

लड्डू में भी होती है मिलावट

गोपालगंज : दीपावली के मौके पर लड्डू की मांग बढ़ जाती है। इस त्योहार के लिए लड्डू को उपयुक्त मिठाई माना जाता है। लेकिन इसमें भी मिलावट होती है। लड्डू बनाने वाले कारीगर खेसारी व मैदा की भी मिलावट करते हैं। इतना ही नहीं रिफाइन व घी के बदले घटिया तेल का प्रयोग कर इसमें भी मिलावट की जाती है।

इनसेट

कहते हैं चिकित्सक

दीपावली पर घर में बनाई जाने वाले मिठाइयों का प्रयोग बेहतर है। घटिया किस्म की मिठाइयां खाने से कैंसर, हृदय रोग तथा नस जनित रोग के अलावा एसिडीटी जैसी बीमारियों का खतरा रहता है। ऐसे में लोगों को घटिया किस्म की मिठाइयों से बचने की जरूरत है।

डॉ1. सुनील कुमार रंजन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.