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गोपालगंज में अब भी 62 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों को अपने भवन का इंतजार

सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने की दिशा में चलाए जा रहे आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा कहीं से भी ठीक नजर नहीं आ रही है। विभाग के आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Nov 2021 05:03 PM (IST)Updated: Mon, 15 Nov 2021 05:03 PM (IST)
गोपालगंज में अब भी 62 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों को अपने भवन का इंतजार
गोपालगंज में अब भी 62 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों को अपने भवन का इंतजार

जागरण संवाददाता, गोपालगंज : सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने की दिशा में चलाए जा रहे आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा कहीं से भी ठीक नजर नहीं आ रही है। विभाग के आंकड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि लंबी अवधि बीतने के बाद भी जिले के 62 प्रतिशत से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। यह स्थिति तब है, जब विभाग के निर्देश पर इन्हें भूमि व भवन उपनब्ध कराने के लिए प्रत्येक माह समीक्षा बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। आलम यह कि जिन आंगनबाड़ी केंद्रों को अपने भवन में संचालित किया जा रहे है, उनमें भी कई आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय व पेयजल तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

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जिला प्रोग्राम कार्यालय के आंकड़े ही जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा की पोल खोल रहे हैं। जिले में चल रहे कुल 2900 आंगनबाड़ी केंद्रों में से मात्र 1092 केंद्रों को ही अपना भवन नसीब हो सका है। विभाग के दावों के अनुसार जिले में 1309 आंगनबाड़ी केंद्रों को किराये के भवन में संचालित किया जा रहा है। इसी प्रकार 232 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए सरकारी स्कूल सहारा हैं, जबकि 267 आंगनबाड़ी केंद्र अन्य सरकारी भवन में संचालित किए जा रहे हैं। विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में चल रहे जिन 1092 केंद्रों को अपना भवन तो उपलब्ध कराया गया है, उनमें से कई केंद्रों में पेयजल तथा शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है। जिले के 1092 सरकारी भवन से युक्त आंगनबाड़ी केंद्रों में से 310 आंगनबाड़ी केंद्रों पर आजतक शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है। ऐसे में इन केंद्रों के बच्चों को खुले में शौच को जाने को विवश होना पड़ता है।

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231 केंद्रों पर नहीं है पीने के पानी की सुविधा

गोपालगंज : विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जिले में चल रहे 2900 आंगनबाड़ी केंद्रों में से अपने भवन में चल रहे 231 केंद्रों पर आजतक पीने के लिए पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है। इसके अलावा किराये के भवन में रह रहे 277 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पीने के लिए शुद्ध पानी उपलब्ध नहीं है। सरकारी विद्यालय व अन्य सरकारी भवनों में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा इससे इतर नहीं है।

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जहां-तहां चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र

गोपालगंज : भवन की उपलब्धता नहीं होने के कारण आज भी कई आंगनबाड़ी केंद्र जहां-तहां संचालित होते हैं। विभाग के आंकड़ों में भले ही केंद्र किराए के मकान में चलते हैं, लेकिन किराए के भवन में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में कई केंद्र निजी बथान व दलान में संचालित हो रहे हैं। यह स्थिति तब है जबकि पूर्व में ही सरकार ने दिशानिर्देश जारी कर रखा है कि किसी भी स्थिति में इन केंद्रों को निजी भवन में नहीं चलाया जाए। लेकिन इसके बावजूद जिले के कई आंगनबाड़ी केंद्र सेविका अपने बथान में चला रही हैं।

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किराये के भवन व सरकारी भवन में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या

प्रखंड अपना भवन किराये का भवन

बैकुंठपुर 80 163

सिधवलिया 44 100

बरौली 84 164

मांझा 68 158

गोपालगंज 67 108

थावे 59 70

कुचायकोट 142 158

हथुआ 85 46

उचकागांव 82 61

फुलवरिया 63 45

भोरे 76 92

विजयीपुर 96 50

कटेया 94 47

पंचदेवरी 52 47

कुल 1092 1309 -=--------------

वैसे आंगनबाड़ी केंद्र जिनके पास अपना भवन नहीं है, उनके लिए भूमि व भवन उपलब्ध कराने के लिए प्रक्रिया तेज कर दी गई है। वर्तमान समय में 63 और आंगनबाड़ी केंद्र के लिए जमीन का एनओसी मिल चुका है।

शम्स जावेद अंसारी, डीपीओ जिला प्रोग्राम शाखा

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- 1309 आंगनबाड़ी केंद्र किराये के मकान में हो रहे संचालित

- 232 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए सरकारी स्कूल बने सहारा

- 267 आंगनबाड़ी केंद्रों को अन्य सरकारी भवन में संचालित करने का दावा


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