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खुलने के साथ ही लटक गया मतस्य प्रसार केंद्र पर ताला

यहां योजनाएं बनाना योजना के अनुसार निर्माण कार्य करना और फिर बाद में उस योजना को भूला देना नियति सी बन गई है। इसी नियति की मार यहां के मत्स्य पालक भी झेल रहे हैं। सदर प्रखंड के तुरकहां में करीब छह साल पहले मत्स्य प्रसार सह प्रशिक्षण केंद्र के लिए भवन निर्माण किया गया। तब सूबे के तत्कालीन मंत्री गिरीराज सिंह ने इस प्रशिक्षण केंद्र का धूमधाम से उद्घाटन भी कर दिया। लेकिन इस प्रशिक्षण केंद्र का लाभ मत्स्य पालकों को मिलता कि इससे पहले ही इस प्रशिक्षण केंद्र पर ताला लटक गया। आठ साल पूर्व सरकार ने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य पालकों को प्रशिक्षण देने की योजना शुरू किया था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2020 05:39 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 04:21 AM (IST)
खुलने के साथ ही लटक गया मतस्य प्रसार केंद्र पर ताला
खुलने के साथ ही लटक गया मतस्य प्रसार केंद्र पर ताला

गोपालगंज : यहां योजनाएं बनाना, योजना के अनुसार निर्माण कार्य करना और फिर बाद में उस योजना को भूला देना नियति सी बन गई है। इसी नियति की मार यहां के मत्स्य पालक भी झेल रहे हैं। सदर प्रखंड के तुरकहां में करीब छह साल पहले मत्स्य प्रसार सह प्रशिक्षण केंद्र के लिए भवन निर्माण किया गया। तब सूबे के तत्कालीन मंत्री गिरीराज सिंह ने इस प्रशिक्षण केंद्र का धूमधाम से उद्घाटन भी कर दिया। लेकिन इस प्रशिक्षण केंद्र का लाभ मत्स्य पालकों को मिलता कि इससे पहले ही इस प्रशिक्षण केंद्र पर ताला लटक गया।

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आठ साल पूर्व सरकार ने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए मत्स्य पालकों को प्रशिक्षण देने की योजना शुरू किया था। इस योजना के तहत तुरकहां में मत्स्य प्रसार सह प्रशिक्षण केंद्र के लिए भवन निर्माण का कार्य शुरू हुआ और देखते ही देखते भवन निर्माण कार्य पूरा भी हो गया। ग्रामीण बताते हैं कि भवन बन जाने के बाद 27 जनवरी 2012 को सूबे के तत्कालीन मंत्री गिरीराज सिंह ने इस केंद्र का उद्घाटन किया तो यह उम्मीद बंधी की मत्स्य पालक प्रशिक्षण लेकर अपने धंधे को और आगे बढ़ाएंगे। इस केंद्र को खोलने का एक उद्देश्य यह भी था कि प्रशिक्षण की सुविधा मिल जाने से ग्रामीणों में मत्स्य पालन के प्रति आकर्षण भी बढ़ेगा। लेकिन यह योजना मूर्त रूप ले पाती इसके पहले ही प्रशिक्षण केंद्र में ताला लटक गया। ग्रामीण बताते हैं कि मंत्री जी तो प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन करके चले गए। लेकिन उनके जाने के कुछ समय बाद ही इस केंद्र पर ऐसा ताला लगा कि वह आज तक नहीं खुला। इस केंद्र का ताला खोल कर मत्स्य पालकों को प्रशिक्षण दिया जाए, इस तरफ आज तक किसी ने ध्यान ही नहीं दिया।


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